'भारत बन सकता है 20 ट्रिलियन डॉलर वाली Economy मगर...', सरकार के सिपहसालार ने बताया रोडमैप
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'भारत बन सकता है 20 ट्रिलियन डॉलर वाली Economy मगर...', सरकार के सिपहसालार ने बताया रोडमैप

India's GDP:  इस समय भारत 2700 अरब अमेरिकी डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद के साथ दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. देश को वर्तमान में एक विकासशील राष्ट्र के रूप में वर्गीकृत किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है.

'भारत बन सकता है 20 ट्रिलियन डॉलर वाली Economy मगर...', सरकार के सिपहसालार ने बताया रोडमैप

Indian Economy: भारतीय अर्थव्यवस्था साल 2047 तक 20,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी, बशर्ते अगले 25 वर्षों में औसत सालाना वृद्धि 7-7.5 प्रतिशत हो. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के चेयरमैन बिबेक देबरॉय ने यह अनुमान जताया है.

विकसित देशों में हो जाएगा शुमार

देबरॉय ने 'भारत के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता का मसौदा @100' जारी करते हुए कहा कि अगर देश अगले 25 वर्षों में 7-7.5 प्रतिशत की औसत आर्थिक वृद्धि दर से बढ़ता है, तो देश की सालाना प्रति व्यक्ति आय 10,000 अमेरिकी डॉलर अधिक होगी. उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत भी हाई ह्यूमन डेवेलपमेंट कैटेगरी के देशों में शामिल हो जाएगा.

छठी सबसे बड़ी इकोनॉमी है भारत

इस समय भारत 2700 अरब अमेरिकी डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद के साथ दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. देश को वर्तमान में एक विकासशील राष्ट्र के रूप में वर्गीकृत किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है.

क्या होता है विकसित देश

एक विकसित देश उसे माना जाता है, जिसकी इकोनॉमिक ग्रोथ अधिक होती है, वहां लोगों का स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग अच्छा होता है और प्रति व्यक्ति आय भी अधिक होती है. इसके साथ ही वह ह्यूमन डेवेलपमेंट इंडेक्स यानी (HDI) पर अच्छा परफॉर्म करता है, जिसमें शिक्षा, साक्षरता और स्वास्थ्य शामिल हैं. जब 1947 में भारत ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ था, तब उसको तीसरी दुनिया का देश माना जाता था. लेकिन पिछले 7 दशकों में भारत की जीडीपी 2.7 लाख करोड़ से 150 लाख करोड़ हो गई है.

वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में मूल मूल्य पर ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) 12.6 फीसदी रहने का अनुमान है, जो पहले 3.9 फीसदी था. आईसीआरए को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में सेक्टोरल ग्रोथ सर्विस सेक्टर (प्लस 17-19 प्रतिशत; वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में प्लस5.5 प्रतिशत) द्वारा संचालित होगी, इसके बाद उद्योग (प्लस 9-11 प्रतिशत; प्लस 1.3 प्रतिशत) होगा.

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