आजादी के बाद से अबतक इस गांव से किसी भी तरह का एक भी मामला पुलिस थाने में दर्ज नहीं कराया गया है
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कैमूर: बिहार के कैमूर जिले में एक ऐसा गांव भी है, जहां आजादी के बाद से अब तक एक भी मामला थाने में दर्ज नहीं कराया गया है. ऐसा नहीं है कि इस गांव में विवाद नहीं होते हैं, यहां पर होने वाले सभी विवादों को गांव के एक मंदिर में ही निपटा लिया जाता है. जी हां, हम बात कर रहे हैं कैमूर जिले के सरेया गांव की. इस गांव से आजादी के बाद से आजतक किसी प्रकार का मामला थाने में मामला दर्ज नही हुआ है.
कैमूर के पुलिस अधीक्षक दिलनवाज अहमद के अनुसार, सरेया गांव में यदि किसी प्रकार का विवाद होता है, तो लोग थाना और न्यायालय का चक्कर नहीं काटते हैं. सभी विवादों का निपटारा गांव के एक एक शिव मंदिर में किया जाता है. इस गांव के लोग भगवान शिव को ही जज मानकर विवादों का निपटारा बुजुर्ग की मौजूदगी मे कर लेते हैं. इस मंदिर में होने वाला हर फैसला गांव के सभी लोगों को मान्य होता है.
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गांव के लोग बताते हैं कि इस गांव की आबादी करीब 700 है. मोहनिया अनुमंडल से इसकी दूरी करीब 7 से 8 किमी दूर है. 2014 में तत्कालीन डीएम अरविंद कुमार सिंह द्वारा इस गांव को आदर्श गांव घोषित किए जाने के बावजूद यहां विकास न के बराबर है. बिहार में जहां एक तरफ लोगों में हथियार खरीदने की होड़ लगी रहती है, वहीं इस गांव में आज भी एक लाइसेंसी बंदूक या रायफल नहीं है.
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कैमूर पुलिस अधीक्षक दिलनवाज अहमद भी यह मानते हैं कि आज के परिवेश में यह गांव अदभुत है, जहां से एक भी मामला दर्ज नही हुआ है. यदि बिहार के दूसरे गांव भी सरेया का अनुसरण करें तो सूबे में अपराध का ग्राफ नीचे चला जाएगा और पुलिस को भी सहूलियत होगी.