BPSC Topper: नियोजित शिक्षिका की बेटी बनी जज, पहली ही बार में क्रैक की BPSC न्यायिक सेवा परीक्षा, देखें कैसे मिली सफलता?
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BPSC Topper: नियोजित शिक्षिका की बेटी बनी जज, पहली ही बार में क्रैक की BPSC न्यायिक सेवा परीक्षा, देखें कैसे मिली सफलता?

BPSC Result 2024: औरंगाबाद के श्रीकृष्ण नगर की रहने वाली निश्चया ने पहले ही प्रयास में बीपीएससी 32वीं न्यायिक सेवा परीक्षा पास करने का कीर्तिमान बनाया है. निश्चया के पिता नीलमणि कुमार सामाजिक कार्यकर्ता हैं तो वहीं मां रंजू कुमारी एक नियोजित शिक्षिका हैं.

BPSC टॉपर निश्चया

BPSC 32nd Judicial Service Result 2024: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की ओर से बीपीएससी 32वीं न्यायिक सेवा परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी किया जा चुका है. हम आपको हर रोज इस परीक्षा के एक टॉपर से मिलवाते हैं. इसी कड़ी में आज हम आपको औरंगाबाद की उस बेटी से मिलवाने जा रहे हैं, जो अपने पहले ही प्रयास में BPSC की परीक्षा पास करके जज बन गई है. 32वीं बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा में औरंगाबाद की निश्चया ने सफलता का परचम लहराया है. श्रीकृष्ण नगर की रहने वाली निश्चया ने पहले ही प्रयास में ही यह सफलता हासिल की है. उसकी इस सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है और सभी उसे बधाइयां दे रहे हैं.

निश्चया के पिता नीलमणि कुमार सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जबकि मां रंजू कुमारी एक नियोजित शिक्षिका हैं. निश्चया ने बताया कि उसकी दसवीं तक की पढ़ाई औरंगाबाद के डीएवी स्कूल से पूरी हुई है, जबकि बिहार बोर्ड से उसने इंटर पास किया है. क्लैट परीक्षा पास कर बेंगलुरू केएलई कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई की. लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद अहमदाबाद के नेशनल लॉ कॉलेज से एलएलएम कंप्लीट किया. इसके बाद बिहार ज्यूडिसियल सर्विसेज की वैकेंसी आते ही निश्चया ने फॉर्म फिलअप कर दिया और लगन से दृढ़ निश्चय कर उसकी तैयारी में जी जान से जुट गई.

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आत्मविश्वास से लवरेज निश्चया ने पीटी और मेंस में सफलता के झंडे गाड़ने के बाद इंटरव्यू की तैयारी के लिये अपने आप को मजबूत बनाया और पैनल से जुड़े टीम के हर सवाल का बड़ी ही बेबाकी से जबाव दिया. बीपीएससी की परीक्षा में 43वीं रैंक लाकर उसकी खुशी का ठिकाना नही रहा. इधर अपनी बेटी की सफलता से निश्चया के पिता बेहद खुश हैं. उन्होंने बताया कि शुरू से ही न्यायिक सेवा में जाने का इसने संकल्प ले रखा था और आखिरकार इसने अपनी कड़ी मेहनत के बदौलत इस सफलता को हासिल कर ही लिया.

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निश्चया के दादा भी इस सफलता से फुले नहीं समा रहे हैं और वे कहते है कि जब पोती ने लॉ की पढ़ाई शुरु की, तो उसी वक्त से मुझे यह उम्मीद थी कि यह होनहार बच्ची एक ना एक दिन कुछ ऊंचा मुकाम जरूर हासिल करेगी. कहते हैं कि अगर इंसान निश्चय कर ले तो उसे जरूर पूरा किया जा सकता है कुछ ऐसा ही निश्चय पूरा करके दिखाया है औरंगाबाद की जज बेटी निश्चया ने जिसने अपने नाम को भी अपनी सफलता से परिभाषित कर दिखाया है.

रिपोर्ट- मनीष कुमार

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