Congress Leader Lalan Singh Murder: बेगूसराय सिविल कोर्ट ने 2015 में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की दोबारा सुनवाई हुई. इसके बाद न्यायाधीश शबा आलम ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 148 (दंगा), 149 (दंगा में शामिल होना) और आर्म्स एक्ट की धारा 27 (अवैध हथियार रखने) के तहत 12 आरोपियों को दोषी करार दिया.
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बेगूसराय: बेगूसराय के चर्चित कांग्रेस नेता और पैक्स अध्यक्ष ललन सिंह हत्याकांड में 20 साल बाद न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है. 2004 में हुए इस हत्याकांड में बेगूसराय सिविल कोर्ट ने भाजपा नेता सहित 12 आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. यह फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शबा आलम ने सुनाया, जिन्होंने 10 प्रमुख गवाहों की गवाही के आधार पर यह निर्णय लिया.
क्या है मामला?
यह घटना 8 मार्च 2004 की है, जब शाम के करीब 8 बजे कांग्रेस नेता ललन सिंह और उनके सहयोगी सिपुल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. दोनों अग्निकांड के पीड़ितों के बीच राहत सामग्री बांटने के बाद घर लौट रहे थे. शाम्हो थाना क्षेत्र में ठाकुरबाड़ी के पास उनकी गाड़ी को घेरकर गोलीबारी की गई. चश्मदीद गवाह मुकेश सिंह ने बताया कि हमले के दौरान वह गाड़ी से कूदकर झाड़ियों में छिप गए. उन्होंने अपनी आंखों से देखा कि भाजपा नेता मिथिलेश सिंह ने ललन सिंह की हत्या के बाद उनकी राइफल छीन ली थी. साथ ही हमलावरों ने हत्या के बाद शवों को ठिकाने लगाने की कोशिश की, लेकिन घटनास्थल पर भीड़ जमा हो गई, जिससे सभी आरोपी फरार हो गए. घटना के बाद मुकेश सिंह ने हत्या का मामला दर्ज कराया था.
कोर्ट का फैसला
बेगूसराय सिविल कोर्ट ने 2015 में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. इसके बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर मामले की दोबारा सुनवाई हुई. न्यायाधीश शबा आलम ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 148 (दंगा), 149 (दंगा में शामिल होना) और आर्म्स एक्ट की धारा 27 (अवैध हथियार रखना) के तहत 12 आरोपियों को दोषी ठहराया.
कौन-कौन हैं दोषी?
दोषी करार दिए गए आरोपियों में भाजपा नेता मिथिलेश सिंह, रविंद्र सिंह, रणधीर कुमार (दुखा), रोशन सिंह, सुधीर सिंह, सुनील सिंह, संजीव सिंह, शालीग्राम सिंह, अनिल सिंह, कोमल सिंह, रंजीत सिंह और मनोज सिंह शामिल हैं.
गवाह की अहम भूमिका
इस मामले में मुख्य गवाह मुकेश सिंह ने अदालत में अपनी गवाही के दौरान घटना का पूरा ब्यौरा दिया. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने हमलावरों को हत्या करते हुए देखा और खुद छिपकर अपनी जान बचाई.
परिवार ने जताई राहत
कोर्ट के फैसले से ललन सिंह के परिवार ने राहत की सांस ली है. परिवार ने न्यायालय का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्हें 20 साल बाद न्याय मिला. वहीं, पुलिस ने बताया कि दोषियों को जल्द जेल भेजने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
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