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Bhadra Yoga in Virgo: भद्र योग का मतलब है कुंडली में बुध ग्रह कन्या राशि में होने की स्थिति आदि. इस योग का महत्व ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्वपूर्ण माना गया है. आचार्य मदन मोहन ने बताया कि इस योग का फल कुंडली की अन्य ग्रहों के स्थान और प्रभाव पर भी निर्भर करता है, लेकिन यह योग खासतर से मिथुन, कन्या और धनु राशि के जातकों को बहुत लाभप्रद होता है.
मिथुन राशि (Gemini)
मिथुन राशि के जातक जाने जाते हैं कि वे बहुत ही सहज और मिलनसार होते हैं. इन्हें बुद्धिमत्ता और तार्किक क्षमता की खास पहचान होती है. अगर किसी कुंडली में मिथुन राशि के जातक के चौथे भाव में भद्र योग बन रहा है, तो इसका मतलब है कि उन्हें अपने करियर में बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा. व्यापार से जुड़े लोगों को भी इस योग से मुनाफा हो सकता है और उन्हें बेहतर लाभ का सामना करने का मौका मिल सकता है. इसके अलावा इस योग के कारण उनके घर में किसी मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन भी हो सकता है और पार्टनर के साथ संबंधों में सुधार आ सकता है.
कन्या राशि (Virgo)
कन्या राशि के जातक के लिए भद्र योग उनके लग्न भाव में बन रहा है, जिसका मतलब है कि इस योग का फल उनके व्यक्तिगत और करियर जीवन पर होगा. इस योग के कारण कन्या राशि के जातक की विशेष तार्किक क्षमता और विश्लेषणात्मक योग्यता में सुधार हो सकता है. वे अपने व्यापार को बढ़ाने में सफल हो सकते हैं और विभिन्न योजनाओं को कार्यान्वित करने का मौका प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा करियर के क्षेत्र में भद्र योग बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है और नई आय के अवसरों का भी आपको लाभ हो सकता है.
धनु राशि (Sagittarius)
धनु राशि के जातकों के लिए भद्र योग से खास लाभ हो सकता है. इस योग के कारण वे अपने करियर में तरक्की कर सकते हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पैसा और नाम कमा सकते हैं. अगर आप अभिनेता, कलाकार, खिलाड़ी या व्यापारी हैं, तो इस योग के प्रभाव से आपके करियर में सफलता मिल सकती है. इसके अलावा इस योग के कारण आपको नौकरी बदलने का मौका भी मिल सकता है और आपके संबंधों में सुधार आ सकता है.
Disclaimer: ध्यान दें कि यह ज्योतिषिय दृष्टिकोण का एक मात्र परिप्रेक्ष्य है और आपके जीवन में होने वाली घटनाओं पर पूरी तरह से निर्भर नहीं करता है. इसके बावजूद यह एक मान्यता है और ज्योतिषिय दृष्टिकोण से होने वाले फल की ओर एक प्रयास है.