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बांका : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की तरफ से इनदिनों बोर्ड की परीक्षा ली जा रही है. इसके लिए प्रदेश के हर जिले में परीक्षा केंद्र का गठन किया गया है. परीक्षा की शुरुआत के साथ इस बार पूरी तरह से प्रशासन अलर्ट मोड में है. परीक्षा को कदाचार मुक्त कराए जाने के लिए प्रशासन की तरफ से लगातारा प्रयास किए जा रहे हैं. इससे पहले बोर्ड की तरफ से 12वीं की परीक्षा भी संपन्न कराई ज चुकी हैं. ऐसे में परीक्षा केंद्रों से कई ऐसी खबरों के बारे में सुना जा रहा है जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे.
दरअसल बिहार के बांका जिले में बोर्ड की परीक्षा दे रही एक लड़की के साथ कुछ ऐसा हुआ है जिसे सुनकर सभी उसकी तारीफ कर रहे हैं. लोग इस लड़की के जज्बो को सलाम कर रहे हैं. प्रसव की पीड़ा क्या होती है यह हर आदमी जानता है. इसके साथ ही हर लड़की का सपना होता है कि वह शिक्षित हो. इसी का एक नमूना देखने को बांका में मिला. जहां एक लड़की मां बनने के तुरंत बाद परीक्षा केंद्र पर पेपर देने पहुंच गई. लड़की के इस जज्बे को जिसने देखा वह अपनी दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गया.
मामला बांका जिले के चांदन प्रखंड का है जहां प्रखंड मुख्यालय के एमएमकेजी उच्च विद्यालय में बोर्ड परीक्षा का सेंटर है. यहां एक 22 वर्षीय रुकमिणी कुमारी बोर्ड की परीक्षा देने पहुंची थी. वह गर्भवती थी और परीक्षा दे रही थी. इसके बाद भी वह परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दे रही थीं और उसी रात को प्रसव पीड़ा के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इसके बाद वह सुबह 6 बजे मां बनी और फिर दोपहर को परीक्षा देने परीक्षा केंद्र पर पहुंच गई.मां बनने के तीन घंटे के बाद ही रुकमिणी परीक्षा केंद्र पर थी.
चिकित्सक की देखरेख में रुकमिणी को परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने की अनुमति मिली और उसने परीक्षा दी भी. उसके इस जोश और जुनून को देखकर सभी हैरान थे. रुकमिणी की इसको लेकर हर ओर तारीफ हो रही है. रुकमिणी कटोरिया प्रखंड के किसी स्कूल से छात्रा के रूप में बोर्ड की परीक्षा दे रही है. उसकी शादी भी इसी प्रखंड के सिलजोरी पंचायत के पैलवा गांव में हुई है.
रुकमिणी ने पहले दिन जब गणित की परीक्षा दी थी तो वह ठीक थी और उसे किसी तरह की प्रसव पीड़ा नहीं हो रही थी. परीक्षा केंद्र से बाहर निकलकर वह कमरे पर पहंची और अगले दिन के परीक्षा की तैयारी कर रही थी. अचानक उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. इसके बाद परिवार के लोग उसको लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां बुधवार की सुबह उसने एक बेटे को जन्म दिया. उसके बाद वह बुधवार की प्रथम पाली में विज्ञान का पेपर देने पहुंच गईं. उसने इसके लिए चिकित्सक डॉ. भोलानाथ से परीक्षा देने की इजाजत भी मांगी थी.
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