Singer Nishie Singh New Song: इस गाने के म्यूजिक डायरेक्टर और कंपोजर गुरमीत सिंह हैं. इसको लिरिक्स हरमनजीत ने दिए हैं. यशराज स्टूडियो में गाने की रिकॉर्डिंग हुई है. गाने का डायरेक्शन सुनील अग्रवाल और वीडियोग्रॉफी आदेश शर्मा के द्वारा की गई है. गाने के प्रोड्यूसर रवि सरीन हैं. मान्या सिंह और ओवैश अहमद पर इस गाने को फिल्माया गया है.
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Punjabi Singer Nishie Singh New Song: सिंगर निशी सिंह का एक और गाना धमाल मचाने के लिए यूट्यूब पर रिलीज हो गया है. निशी सिंह का पंजाबी गाना 'सोनेया-मनमोनेया' को शनिवार (10 फरवरी) को यूट्यूब पर रिलीज किया गया और अब धमाल मचा रहा है. चंद ही घंटों में गाना वायरल हो गया. टी सीरीज की कॉपी राइट से इस गाने को रिलीज किया गया. इस गाने के म्यूजिक डायरेक्टर और कंपोजर गुरमीत सिंह हैं. इसको लिरिक्स हरमनजीत ने दिए हैं. यशराज स्टूडियो में गाने की रिकॉर्डिंग हुई है. गाने का डायरेक्शन सुनील अग्रवाल और वीडियोग्रॉफी आदेश शर्मा के द्वारा की गई है. गाने के प्रोड्यूसर रवि सरीन हैं. मान्या सिंह और ओवैश अहमद पर इस गाने को फिल्माया गया है.
निशी सिंह की आवाज में गाने के बोल जितने सुरीले हैं, इसका म्यूजिक भी उतना ही लाजवाह है. इससे पहले निशी सिंह का पंजाबी गाना "सोनी कुड़ी" ने धमाल मचाकर रखा था. टी सीरीज बैनर में इस गाने ने सफलता के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए थे. वहीं निशि सिंह के एल्बम 'दर्द कितना है' में लोकप्रिय अभिनेता मनीष पॉल थे. इस एल्बम ने भी धमाल मचाकर रखा है. निशी सिंह की सुरीली आवाज ने इस गाने को न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय बना दिया. यह गाना टी सीरीज की ओर से रिलीज किया गया था और कई लोकप्रिय संगीत चैनलों पर चलाया गया था.
बता दें कि निशी सिंह एक बहुआयामी कलाकार हैं और महिला सशक्तिकरण की सच्ची प्रतिनिधि हैं. वह एक बहुमुखी गायिका हैं जो भजन, गजल, सूफी और पुराने हिंदी गाने गाती हैं. उन्होंने गंधर्व महाविद्यालय में संगीत सीखा है. वह स्वर्गीय पंडित ज्वाला प्रसाद को अपना गुरु मानती हैं. उनकी ताकत एक विशाल रेंज वाली स्थिर और मधुर आवाज है. उन्होंने आगरा में ताज महोत्सव, दीव बीच फेस्टिवल, रोज फेस्टिवल चंडीगढ़, एनजेडसीसी फेस्टिवल चंडीगढ़, कुंभ मेला प्रयागराज, इंडिया हैबिटेट सेंटर और कमानी ऑडी टोरियम जैसे विभिन्न चरणों में प्रदर्शन किया है. फरवरी 2019 में टी सीरीज की ओर से रिलीज किया गया था. उनका पहला सोलो 'मेरा दिल' तुरंत हिट हुआ था. वर्तमान में वह एक पंजाबी गाने पर काम कर रही हैं.
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निशि सिंह एक बेहतरीन चित्रकार भी हैं. उन्होंने खुद ही पेंटिंग बनाई है. वह कैनवास पर माध्यम के रूप में ऐक्रेलिक, तेल और पानी के रंगों का उपयोग करती हैं. परिदृश्य और वास्तविक जीवन के दृश्य उनके मुख्य विषय हैं. उन्होंने कई प्रदर्शनियों और नीलामियों में भाग लिया है. जिन महत्वपूर्ण प्रदर्शनियों में उन्होंने भाग लिया उनमें आईसीसीआर अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी, आर्ट मॉल दिल्ली में प्रदर्शनी, फिलीपींस दूतावास में प्रदर्शनी, दिल्ली और मुंबई में भारत कला महोत्सव शामिल हैं. इंडिया हैबिटेट सेंटर और चंडीगढ़ में कई प्रदर्शनियाँ. उनका काम कई प्रतिष्ठित कला नीलामियों का भी हिस्सा रहा है, खासकर इंडिया ऑन कैनवास पर, जो क्रिस्टी फॉर ख़ुशी द्वारा आयोजित किया गया था.
निशि सिंह एक लेखिका भी हैं. उन्होंने कई समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के लिए विस्तार से लिखा है. हिंदी भाषा पर उनकी पकड़ शानदार है. उन्होंने दिल्ली की एक पत्रिका के लिए यात्रा कॉलम लिखा है. वह नेशनल एक्सप्रेस अखबार के लिए सफल महिलाओं का इंटरव्यू करती थीं. उन्होंने कुछ अप्रकाशित कविताएँ भी लिखी हैं. उन्होंने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए 2008 में नाद फाउंडेशन की स्थापना की. उन्होंने दिल्ली और चंडीगढ़ में दिग्गज कलाकारों के कई संगीत समारोह आयोजित किए हैं.
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नाद फाउंडेशन के माध्यम से उन्होंने गरीबों, वरिष्ठ नागरिकों और पुलिसकर्मियों के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने जैसी कई सामाजिक कार्य किए हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने सेवाभाव से जबरदस्त काम किया. जरूरतमंदों को राशन पहुंचाना के अलावा उनके सामाजिक संगठन नाद फाउंडेशन ने गरीबों के बीच में मास्क और सैनेटाइजर बांटने का काम किया था. लॉकडाउन के दौरान उन्होंने दिल्ली में सामुदायिक लंगर खोलने का काम किया था, जिसमें हर रोज लाखों लोगों को भोजन दिया जाता था. कोरोनाकाल में भी अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे पुलिसकर्मियों को पीपीई किट बांटने का काम किया गया था.
दूसरे लॉक डाउन के दौरान नाद फाउंडेशन ने जरूरतमंदों के लिए जबरदस्त काम किया. अलोस ने अपनी नेक पहल "गांव बच्चों देश बचाओ" में कुमार विश्वास जैसे सेलिब्रिटी के साथ हाथ मिलाया, जो महामारी की दूसरी लहर के दौरान गांव की आबादी तक पहुंचने की एक पहल है. नाद फाउंडेशन हमेशा महामारी के दौरान जरूरतमंद लोगों की सेवा और मदद करने का प्रयास करता रहा है. इस श्रृंखला में नाद ने कल्याणपुरी क्षेत्र में स्लम क्षेत्र के बच्चों के लिए एक परियोजना 'सुशिक्षा' शुरू की, जिसका उद्देश्य 80 मेधावी वंचित बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है.