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Patna: भारतीय सेना ने 'अग्निपथ सेनाभर्ती योजना' के तहत सेना में शामिल होने के इच्छुक आवेदकों के लिए रविवार को दिशा-निर्देश और अन्य संबंधित जानकारी जारी की. सेना ने कहा कि 'अग्निवीर' भारतीय सेना में अलग श्रेणी होगी जो मौजूदा रैंक से अलग होगी और उन्हें किसी भी रेजीमेंट या यूनिट में तैनात किया जा सकेगा. उसने कहा कि सरकारी गोपनीयता कानून, 1923 के तहत 'अग्निवीरों' को चार साल की सेवा के दौरान मिली गोपनीय सूचनाओं को किसी भी अनाधिकारिक व्यक्ति या सूत्र को बताने से प्रतिबंधित किया जाएगा.
सेना ने कहा, 'इस योजना के लागू होने से सेना के मेडिकल ब्रांच के टेक्निकल कैडर के अलावा अन्य सभी सामान्य कैडरों में सैनिकों की नियुक्ति सिर्फ उन्हीं के लिए खुलेगी जिन्होंने बतौर अग्निवीर अपना कार्यकाल पूरा किया है.' सेना ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सेवा काल समाप्त होने से पहले 'अग्निवीर' अपनी इच्छा से सेना नहीं छोड़ सकेंगे. उसमें कहा गया है, 'हालांकि, बेहद दुर्लभ मामले में, इस योजना के तहत भर्ती सैनिक को सक्षम प्राधिकार की अनुमति पर सेना छोड़ने की अनुमति होगी.'
केन्द्र सरकार ने 14 जून को 'अग्निपथ योजना' की घोषणा की जिसके तहत साढ़े 17 साल से 21 साल तक के युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा और उनमें से 25 फीसदी सैनिकों को अगले 15 और साल के लिए सेना में रखा जाएगा. हालांकि बाद में सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाकर 23 साल कर दिया. इस नयी योजना के तहत भर्ती रंगरूटों को 'अग्निवीर' कहा जाएगा.
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वायुसेना ने लघु अवधि के लिए सेनाओं की भर्ती संबंधी 'अग्निपथ योजना' को लेकर देश के कई राज्यों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच, इस योजना को लेकर रविवार को विस्तृत जानकारी जारी की. वायुसेना ने योजना संबंधी अपने नोट में 'अग्निपथ' को सशस्त्र बलों के लिए एक नई मानव संसाधन प्रबंधन योजना बताया और कहा कि बल में भर्ती अभ्यर्थी वायुसेना अधिनियम, 1950 से शासित होंगे. इसने कहा कि सेवा अवधि पूरी होने से पहले स्वयं को सेवामुक्त करने का 'अग्निवीर' का अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा और केवल असाधारण मामलों में इसकी अनुमति होगी तथा सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बाद ही ऐसा किया जाएगा.
वायुसेना के 29 बिंदुओं वाले नोट में नई योजना के बारे में पात्रता मानदंड, पारिश्रमिक पैकेज, चिकित्सा और सीएसडी (कैंटीन स्टोर विभाग) सुविधाएं, दिव्यांगता के लिए मुआवजा, दिव्यांगता की सीमा की गणना, छुट्टी एवं प्रशिक्षण समेत विभिन्न जानकारियां मुहैया कराई गई हैं. इसने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु के कर्मियों के लिए नामांकन पत्र पर मौजूदा प्रावधानों के अनुसार माता-पिता या अभिभावकों से हस्ताक्षर कराने होंगे.
(इनपुट: भाषा)