MLC Election Bihar: माले का विरोध सामने आया, तो 19 विधायकों वाली कांग्रेस भी सामने आ गयी. कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने घोषणा की है कि कांग्रेस और माले मिलकर विधान परिषद के लिए उम्मीदवार उतारेंगे. उन्होंने कहा कि राजद की शुरू से आदत रही है कि बिना गठबंधन के सहयोगियों से बात किये प्रत्याशियों की घोषणा कर देते हैं.
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पटनाः MLC Election Bihar:बिहार विधान परिषद की सात सीटों के लिए चुनाव होनेवाले हैं, जिनके लिए राजद ने तीन प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है, लेकिन माले के विरोध के बाद राजद की तीसरी सीट फंसती दिख रही है. वहीं, माले और कांग्रेस मिलकर प्रत्याशी उतराने की बात कर रहे हैं. कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने मोर्चा संभाला है और कहा कि माले के प्रत्याशी को समर्थन देकर उसे विधान परिषद पहुंचायेंगे. बिहार विधान परिषद की सात सीटों के लिए चुनाव होने हैं, इसके लिए तारीखों का ऐलान हो गया है. दो जून से नोटिफिकेशन जारी होने के साथ नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी, लेकिन इस चुनाव में बिहार में निर्विरोध चुनाव होने पर ग्रहण लग सकता है, क्योंकि राजद ने अपने तीन उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, लेकिन उसकी सहयोगी माले ने इसे गठबंधन धर्म के खिलाफ बताया है और आगे कार्रवाई की बात कही है.
माले के विरोध सामने आया तो कांग्रेस भी आई सामने
माले का विरोध सामने आया, तो 19 विधायकों वाली कांग्रेस भी सामने आ गयी. कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने घोषणा की है कि कांग्रेस और माले मिलकर विधान परिषद के लिए उम्मीदवार उतारेंगे. उन्होंने कहा कि राजद की शुरू से आदत रही है कि बिना गठबंधन के सहयोगियों से बात किये प्रत्याशियों की घोषणा कर देते हैं. अब कांग्रेस और माले ने मिलकर प्रत्याशी उतारने का फैसला लिया है. राजद ने 30 मई को विधान परिषद चुनाव के लिए प्रत्याशियों का ऐलान किया, जिसमें कारी सोहैब, मुन्नी रजद और अशोक कुमार पांडेय का नाम शामिल है, लेकिन जैसे ही राजद के नाम सामने आये, विरोध शुरू हो गया. इधर, भाजपा राजद को नसीहत दे रही है.
ये है विधान परिषद में सदस्यों का गुणा-गणित
बिहार विधान परिषद में 75 सदस्य होते हैं, जिनमें 27 ऐसे सदस्य होते हैं, जिनका चुनाव विधायक करते हैं. राज्य में विधायक की संख्या 243 है, जिनमें दलों की बात करें, तो भाजपा के 77, राजद के 76, जदयू के 45, कांग्रेस के 19, वामदलों के 16, एआईएमआईएम के 5, हम के 4 और एक निर्दलीय सदस्य है. संख्या के हिसाब से एमएलसी के एक पद के लिए 33 विधायकों का समर्थन चाहिये. ऐसे में राजद के दो प्रत्याशी तो आसानी से जीत जायेंगे, लेकिन तीसरे प्रत्याशी को जीतने के लिए वामदलों या फिर कांग्रेस के समर्थन की जरूरत होगी. अगर वामदल और कांग्रेस मिलकर उम्मीदवार उतारते हैं और मतदान होता है, तो 19 और 16 मतों के सहारे आसानी से जीत हासिल कर लेंगे.
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