मजदूरी कराने का झांसा देकर दलाल कर रहे थे उनका सौदा, मामला आया प्रकाश में
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मजदूरी कराने का झांसा देकर दलाल कर रहे थे उनका सौदा, मामला आया प्रकाश में

मानव तस्करी की एक ऐसी घटना जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी. दरअसल मामले की खबर झारखंड के साहिबगंज जिले से आ रही है.

(फाइल फोटो)

साहिबगंज : मानव तस्करी की एक ऐसी घटना जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी. दरअसल मामले की खबर झारखंड के साहिबगंज जिले से आ रही है. जहां के जिरवाबाड़ी थाना क्षेत्र के सोतीचौकी खुठहरी के चार मजदूरों को मजदूरी दिलाने के नाम पर गांव के ही दो दलालों द्वारा पश्चिम बंगाल के ठेकेदार के पास बेच देने का मामला सामने आया है. 

एक मजदूर की मां ने थाने में दर्ज कराई शिकायत 
बता दें जब मजदूर मुन्ना रिखियासन की मां सांवरिया मोसोमात ने जीरवाबाड़ी थाने में लिखित शिकायत करते हुए सभी मजदूरों को सकुशल वापसी कराने की मांग की तो इस शिकायत के आलोक में पुलिस ने जांच शुरू कर दी. इस पूरे प्रकरण के दलाल दिलीप चौधरी और मुन्ना चौधरी की तलाश भी पुलिस ने शुरू कर दी.

50 हजार में बेचे गए थे चारों मजदूर 
इधर मामला पुलिस में दर्ज होता देख और ग्रामीण स्तर पर भी विरोध होने के बाद दिलीप चौधरी और मुन्ना चौधरी ने सभी मजदूरों को वापसी कराने की जुगत शुरू कर दी. मुन्ना रिखियासन की मां ने आरोप लगाए कि गांव के ही दिलीप चौधरी और मुन्ना चौधरी के द्वारा उनके बेटे मुन्ना रिखियासन के अलावे साजन रिखियासन, भोला रिखियासन और होरिल पंडित को पश्चिम बंगाल के कालियाचक ₹50000 में ठेकेदार के हाथ बेच दिया गया.  

मजदूरों को बेचने बाले पर समाज और पुलिस का बढ़ा दबाव 
मामले को लेकर दिलीप चौधरी और मुन्ना चौधरी पर ग्रामीण स्तर से भी दबाव बढ़ने लगा. जिसके बाद दिलीप चौधरी ने कुछ लोगों के साथ जाकर ठेकेदार को ₹45000 वापस कर सभी मजदूरों को साहिबगंज लेकर आए. हालांकि इस बीच दिलीप चौधरी और मुन्ना चौधरी अब तक फरार चल रहा है और पुलिस उनकी तलाश कर रही है, लेकिन दिलीप चौधरी की पत्नी इस बात को कबूल करती है कि मजदूरों के एवज में दिलीप चौधरी ने पैसे लिए थे और वह पैसा वापस कर सभी को छुड़ाने भी गए थे.

4 दिन बाद अपने घर वापस लौटे बंधक बनाए गए मजदूर 
14 अगस्त से 17 अगस्त तक सभी मजदूर ठेकेदार के पास बंधक के रूप में पड़े हुए थे. जिसे ठेकेदार द्वारा काफी शारीरिक यातनाएं दी जा रही थी. मजदूर अपनी जुबानी बताते हैं कि पैसा लौटाने में जितना दिलीप चौधरी देर कर रहे थे. उतने ही उन लोगों को ठेकेदार के द्वारा मारपीट किया जाता था. हालांकि इस मामले में पुलिस के त्वरित एक्शन और सामाजिक दबाव के बाद सभी मजदूर बीती रात अपने घर वापस तो लौट गए, लेकिन इन 4 दिनों में जो यातनाएं इन लोगों को सहनी पड़ी. वह आने वाले कई वर्षों तक नहीं भूल पाएंगे. पुलिस फिलहाल इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर फरार आरोपियों की तलाश कर रही है. 

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