बिहार पुलिस की कार्यशैली पर अक्सर सवाल खड़ा किए जाते हैं. बेगूसराय में पुलिस की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गये है. जहां पुलिस ने 2 से ढाई साल के एक मासूम बच्चे पर मुकदमा दर्ज किया है.
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पटनाः बिहार पुलिस की कार्यशैली पर अक्सर सवाल खड़ा किए जाते हैं. बेगूसराय में पुलिस की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गये है. जहां पुलिस ने 2 से ढाई साल के एक मासूम बच्चे पर मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में जब मासूम जमानत के लिए कोर्ट पहुंचा तो लोग हक्के बक्के रह गए. मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सूजा गांव का है.
साल 2021 का है मामला
दरअसल, मामला साल 2021 का है. जिसमें ढाई साल के बच्चे पर तोड़फोड़ सहित सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मामला तब उजागर हुआ जब पीड़ित परिजन बच्चे को साथ लेकर बेल करवाने न्यायालय में पहुंचे. इनफॉर्मेंट अपोजिशन अधिवक्ता देवव्रत पटेल ने बताया कि मामला कोरोना काल का है. जहां जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाकर 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जिसमें एक ढाई साल के बच्चे का नाम भी शामिल है.
8 लोगों पर हुआ था मुकदमा दर्ज
अधिवक्ता ने बताया कि बच्चे को देख सीजीएम ने बेल देने से इंकार कर दिया और आवेदन देकर बच्चे पर लगे आरोप से बरी करने का निर्देश जारी किया है. आपको बताते चलें कि वर्ष 2021 में वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया. जिसके बाद जिला प्रशासन संज्ञान में लेते हुए मोहल्ले को बेरीकेट से घेराबंदी लगा दिया गया था. जिसे कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा बैरिकेट को हटा दिया गया और शिकायत होने पर जिला प्रशासन के द्वारा आरोपियों पर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे. जिस आलोक में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चौकीदार रूपेश कुमार के द्वारा चिन्हित 8 लोगों को आरोपी बनाया गया. जिसमें शंभू ठाकुर के लगभग ढाई वर्षीय पुत्र हर्ष कुमार का नाम भी शामिल था.
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