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'चम्पारण-कश्मीर सद्भावना यात्रा' पर निकले राकेश पांडेय, जानें क्या है मुख्य उद्देश्य

चम्पारण अंग्रेजों के खिलाफ खड़े होने और आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जाना जाता है. महर्षि वाल्मीकि के लिए जाना जाता है.

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अनुच्छेद-370 और धारा-35A को निरस्त करने के बाद जम्मू कश्मीर को न सिर्फ मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई प्रयास शुरू हुए, बल्कि कश्मीर को भारत की मुख्यधारा से भी जोड़ा गया.

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राकेश पांडेय की हमेशा से सोच थी कि वो इस बदलाव को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करें और शेष भारत की जनता के सामने लाएं

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राकेश पांडेय ने 'ब्रावो फाउंडेशन' के बैनर तले 'चम्पारण-कश्मीर सद्भावना यात्रा' का बीड़ा उठाया है.

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इस यात्रा में बिना किसी राजनीतिक उद्देश्य के 100 युवाओं को कश्मीर के आध्यात्मिक धरोहरों के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा.

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राकेश पांडेय बिहार के मोतिहारी स्थित नरसिंह बाबा प्रांगण में भव्य परशुराम प्रतिमा का भी निर्माण करवा रहे हैं.

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इसके साथ ही चम्पारण में राकेश पांडेय फैक्ट्री भी लगवा रहे हैं, जिससे रोजगार उत्पन्न होगा और इलाके की अर्थव्यवस्था बदलेगा.

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राष्ट्रवादी एवं धार्मिक प्रवृत्ति के राकेश पांडेय अब कश्मीर और मुख्यधारा के भारत को जोड़ने की पहल कर रहे हैं, अपने खर्च से सुदूर ग्रामीण इलाके के युवाओं को कश्मीर लेकर जा रहे हैं.