मामला हुलासगंज प्रखंड क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक विद्यालय रघुनाथपुर का है. जहां विद्यालय में तीन छात्र पढ़ने के लिए आते हैं. जबकि इस विद्यालय में 17 बच्चों का नामांकन है.
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जहानाबाद : बिहार में एक ऐसा विद्यालय है जिसके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे. मामला हुलासगंज प्रखंड क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक विद्यालय रघुनाथपुर का है. जहां विद्यालय में तीन छात्र पढ़ने के लिए आते हैं. जबकि इस विद्यालय में 17 बच्चों का नामांकन है.
सरकार बहा रही पानी की तरह पैसे
गौरतलब है कि करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाने के बाद भी विभागीय उदासीनता के चलते बच्चों को सरकार की तरफ से चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में यहां के शिक्षक मात्र तीन बच्चे को पढ़ा रहे हैं. कारनामे से शिक्षा विभाग की किरकिरी हो रही है, जबकि शिक्षा विभाग द्वारा वरीय पदाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि जिस विद्यालय के भवन नहीं है या छात्र एवं छात्राएं नही हैं, उस विद्यालय को बगल के विद्यालय में समायोजित कर दिया जाए. इसके बावजूद पदाधिकारियों द्वारा ऐसा काम नहीं किया जा रहा है. इसके कारण शिक्षा विभाग की बदनामी हो रही है.
प्राइवेट स्कूलों में जा रहे बच्चे
बताया जा रहा है कि विद्यालय से न तो कोई शिक्षक और ना प्रधानाध्यापक ने गांव में जाकर नामांकन बढ़ाने के लिए कोई योजना तैयार करने की जहमत नहीं उठाई और ना ही शासन की तरफ से कोई पहल हुई. इसके कारण यहां के ज्यादातर बच्चे प्राइवेट स्कूलों में चले जाते है. बता दें कि विद्यालय का अपना सुंदर भवन भी है और शिक्षक भी पदस्थापित है. लेकिन छात्र नदारद. गौरतलब है कि एक ओर जहां शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर अभ्यार्थी सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. वही विद्यालय में शिक्षक आराम फरमा रहे हैं.
शिक्षा विभाग को भी दे रखी सूचना
प्रधानाध्यापिका ने बताया कि विद्यालय में कुल 17 छात्रों एवं छात्राओं का नामांकन है. उन्होंने बताया कि कई बार शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी भी विद्यालय की जांच के लिए आए हैं. लेकिन उनकी तरफ से कोई निर्देश नही मिला है. प्रधानाध्यापिका का कहना है कि इसकी सूचना अपने विभाग को भी दे रखी है. इस विद्यालय में छात्र एवं छात्रा की उपस्थिति नगण्य है. कार्यालय द्वारा कोई उचित फैसला नहीं लिया गया है.
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