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बाबू लाल मरांडी झारखंड के पहले मुख्यमंत्री हैं। मरांडी झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। मरांडी कोडरमा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री रहे।
बाबूलाल मरांडी की जन्म गिरिडीह जिले के कोडिया बैंक गांव में हुआ। मरांडी ने गिरिडीह कॉलेज से इंटर और स्नातक की पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान ही मरांडी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के संपर्क में आए। संघ परिवार में शामिल होने से पहले मरांडी ने एक प्राथमिक स्कूल में एक साल तक अध्यापन कार्य किया। मरांडी ने विश्व हिंदू परिषद के झारखंड प्रखंड के लिए संगठन सचिव के रूप में भी अपनी सेवा दी।
साल 1991 में भाजपा ने दुमका निर्वाचन क्षेत्र से मरांडी को लोकसभा का टिकट दिया लेकिन वह शिबू सोरेन से मात्र 5000 वोटों से हार गए। इस बीच, भाजपा ने इन्हें झारखंड यूनिट का अध्यक्ष बना दिया। मरांडी के नेतृत्व में भाजपा ने 1998 के चुनाव में लोकसभा की 14 सीटों में से 12 पर जीत दर्ज की। इस जीत ने मरांडी की छवि को राष्ट्रीय स्तर पर निखारा और पार्टी ने खुश होकर इन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी।
बिहार से अलग होकर 2000 में गठित होने वाले इस राज्य का पहला मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य मरांडी को प्राप्त हुआ। अपने मुख्यमंत्री रहते हुए मरांडी ने राज्य के विकास के लिए कई विकास कार्यक्रम चलाए। लेकिन गठबंधन की मजबूरियों के चलते मरांडी ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठ सके। साल 2003 में अर्जुन मुंडा के लिए उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा। आगे चलकर राज्य में पार्टी के नेताओं के साथ मुंडा का राजनीतिक गतिरोध बढ़ा और इन्होंने 2006 में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और झारखंड विकास मोर्चा के नाम से नई पार्टी बनाई। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के आगे मरांडी की पार्टी की बुरी हार हुई। इस चुनाव में पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी। बाबूलाल मरांडी की पत्नी का नाम शांति देवी है। साल 2007 में मरांडी के पुत्र अनूप मरांडी की नक्सली हमले में हत्या कर दी गई।