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जामताड़ा:Jharkhand News: झारखंड के जामताड़ा जिले में प्राथमिक विद्यालयों एवं मध्य विद्यालयों का नाम उर्दू विद्यालय लिखने का मामला अब गर्म होते जा रहा है. मामला गर्म होने के बाद राज्य सरकार ने भी इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है. सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन हरकत में आई है और विद्यालयों के नाम के आगे-पीछे लिखे गए उर्दू शब्द को हटाने का काम प्रारंभ कर दिया गया है.
हर हाल में हो नियमों का पालन
जानकारी के मुताबिक प्रशासन वैसे विद्यालयों को चिन्हित कर रही है जिसे हिंदी विद्यालय होते हुए भी लोगों ने उसके नाम के आगे जबरन उर्दू विद्यालय लिखवा दिया था. मामले को लेकर जिले के डीसी फैज अहमद ने कहा कि हिंदी विद्यालय को जबरन उर्दू विद्यालय लिखवाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. जिस विद्यालय के ग्राम शिक्षा समिति ने ऐसा निर्णय दिया है उन्हें भंग कर नई ग्राम शिक्षा समिति का गठन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्कूलों को हर हाल में सरकार के नियमों का पालन करना है. मिली जानकारी के अनुसार जिले में 1084 सरकारी प्राथमिक विद्यालय संचालित है. जिसमें सरकार ने 15 विद्यालयों को उर्दू विद्यालय के रूप में चिन्हित किया है. लेकिन इन आंकड़ों से इतर जिले के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में दर्जनों उर्दू विद्यालय संचालित है.
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दबाव के कारण विद्यालयों के आगे उर्दू विद्यालय लिखा
बता दें कि हिंदी विद्यालय के नाम को बदलकर उर्दू विद्यालय लिखवाने के अलावा इन स्कूलों में रविवार की जगह जुम्मे के दिन शुक्रवार को छुट्टी दी जा रही है. मामला सामने आने के बाद काफी बवाल हुआ. मामले की जब जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि ग्राम शिक्षा समिति और स्थानीय लोगों के दबाव के कारण विद्यालयों के आगे उर्दू विद्यालय लिख दिया जाता है और उन्हें शुक्रवार को छुट्टी देने को कहा जाता है. बीते दिनों झारखंड के गढ़वा जिले में भी समुदाय विशेष द्वारा जबरन बच्चों के हाथ बांधकर प्रार्थना करने का मामला सामने आया था.