Ramnath Thakur Profile: भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के बेटे को मोदी कैबिनेट में मिली जगह, देखें उनका राजनीतिक करियर
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Ramnath Thakur Profile: भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के बेटे को मोदी कैबिनेट में मिली जगह, देखें उनका राजनीतिक करियर

Ramnath Thakur Profile: रामनाथ ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं. वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं और जेडीयू में उनकी अच्छी पैठ है. रामनाथ ठाकुर का जन्म समस्तीपुर जिले के कर्पूरी गांव में हुआ था. वह बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं और लालू प्रसाद की पहली कैबिनेट में गन्ना उद्योग मंत्री थे. 

Ramnath Thakur Profile: भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के बेटे को मोदी कैबिनेट में मिली जगह, देखें उनका राजनीतिक करियर

Ramnath Thakur Profile: पीएम नरेंद्र मोदी तीसरी बार एनडीए की तरफ से प्रधानमंत्री बने जा रहे है. शपथ ग्रहण समारोह से पहले कई नेताओं को फोन किया गया, जिन्हें मंत्री पद दिया जाएगा. जेडीयू के रामनाथ ठाकुर को भी मंत्री बनाया जाएगा. रामनाथ ठाकुर बिहार के बड़े नेता हैं और जेडीयू की तरफ से राज्यसभा सांसद हैं. वह पिछड़े समाज से आते हैं और उनके पिता कर्पूरी ठाकुर भी पिछड़े समाज के बड़े नेता थे. हाल ही में कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.

कौन है रामनाथ ठाकुर
रामनाथ ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं. वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं और जेडीयू में उनकी अच्छी पैठ है. रामनाथ ठाकुर का जन्म समस्तीपुर जिले के कर्पूरी गांव में हुआ था. वह बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं और लालू प्रसाद की पहली कैबिनेट में गन्ना उद्योग मंत्री थे. 2005 से 2010 तक नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में उन्होंने राजस्व और भूमि सुधार, कानून, सूचना और जनसंपर्क मंत्री के रूप में काम किया. रामनाथ ठाकुर को उनके पिता की तरह ही अति पिछड़ा वर्ग (EBC) का बड़ा नेता माना जाता है. वह नाई जाति से ताल्लुक रखते हैं, जो बिहार में लगभग 2% है, लेकिन उनके पिता का प्रभाव अन्य पिछड़ी जातियों में भी था. इसलिए रामनाथ ठाकुर का प्रभाव भी अन्य पिछड़ी जातियों पर है.

कौन है रामनाथ ठाकुर के पिता
जन नायक कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को समस्तीपुर जिले में हुआ था. वह नाई जाति से थे और उन्हें जन नायक के नाम से जाना जाता था. कर्पूरी ठाकुर ने दिसंबर 1970 से जून 1971 तक और फिर दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने बिहार में पिछड़े वर्गों के लिए मुंगेरी लाल आयोग की अनुशंसा लागू कर आरक्षण का रास्ता खोला. उन्होंने बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में अंग्रेजी पास करने की अनिवार्यता को भी समाप्त किया और सबसे पहले बिहार में शराबबंदी लागू की. हालांकि उनकी सरकार गिरने के बाद राज्य में फिर से शराब के व्यवसाय को मान्यता मिल गई.

पिता के पदचिह्नों पर चलेंगे रामनाथ ठाकुर
रामनाथ ठाकुर अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए पिछड़े समाज के लिए काम कर रहे हैं और बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उनके पिता कर्पूरी ठाकुर का बिहार की राजनीति में बहुत बड़ा योगदान था और अब रामनाथ ठाकुर भी उनके विचारों और सिद्धांतों को आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मंत्री पद मिलने के बाद भी पिछड़े समाज के लिए ज्यादा से ज्यादा काम करेंगे.

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