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Patna: Ajit Sarkar Murder Case: बिहार में इस समय लोकसभा चुनाव को लेकर हर दल तैयारी कर रहा है. इसी कड़ी में पप्पू यादव अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. पप्पू यादव का नाम माकपा नेता और विधायक अजीत सरकार मर्डर केस में भी आया था. इस मामले में वो 8 साल जेल भी काट चुके हैं. तो आइये जानते हैं इस हत्याकांड के बारें में:
सीमांचल की राजनीति में बनाई थी अपनी जगह
1980 में पूर्णिया विधानसभा सीट से माकपा ने अजित सरकार को अपना उम्मीदवार बनाया था. उनके पिता शहर के प्रसिद्ध डॉक्टर थे. बचपन से ही अजित सरकार सामंतवाद के खिलाफ थे. इसी वजह से वो वामपंथ से जुड़ गए थे. गरीब लोग उन्हें अजित दा कहते थे.
आप को जानकारी हैरानी होगी कि चुनाव में लड़ने की उनकी शैली अलग थी. वो एक गमछा बिछाकर बाजार में बैठ जाते थे और सभी से एक रुपये डालने को कहते. इस दौरान कोई भी एक रूपए से ज्यादा नहीं दे सकता था और देखते-देखते ही उनके पास सिक्कों का ढेर लग जाता था.
किराये के घर में रहते अजित सरकार
ये वो दौर था, जब बिहार में विधायक और सांसद अपने रुतबे के लिए जाने जाते थे. इसके बाद भी अजित सरकार ने अपना जीवन सादगी से साथ बिताया. चार-चार बार विधायक रहने के बाद भी वो पूर्णिया के दुर्गाबाड़ी मोहल्ले में एक किराए के मकान में रहते थे.
कहा जाता था है कि उस घर का किराया 600 रुपये थे. जबकि घर का खर्च उनकी पत्नी माधवी चलाती थी. वो एक टीचर थी.
अजित सरकार के आगे आने से जिले के पूंजीवादी और सामंती लोग को काफी दिक्कत हो रही थी. इस दौरान जब वो 14 जून 1998 की शाम को पूर्णिया शहर के अंदर घूम रहे थे, तभी अपराधियों ने उनपर अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू कर दिया था. जिससे उनकी मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात सामने आई थी कि उन्हें करीब 107 गोली लगी थी.
खराब हो गए थे शहर के हालात
इस हत्याकांड के बाद शहर के हालात ख़राब हो गए थे. इस दौरान खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को वहां आना पड़ा था और लोगों से शांति की अपील करनी पड़ी थी. इस दौरान अजित सरकार के बेटे ने अमित सरकार ने लोगों से शांति की अपील की थी.
इस हत्याकांड में पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, राजन तिवारी और अनिल कुमार यादव को आरोपी बनाया गया था. इस हत्याकांड में पप्पू यादव 8 साल सजा भी जाट चुके हैं लेकिन पटना कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है. उनका बेटा अमित इस समय ऑस्ट्रिया में रहता है.