Bihar News: स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद माना जा रहा था कि राजद की ओर से कोई खेला करने की कोशिश हो सकती है, लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह पैदा हो रहा है कि मतदान के दौरान आसन पर कौन विराजमान होगा.
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पटना : एक तरफ भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू की सरकार को बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करना है तो दूसरी तरफ स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी मूव किया गया है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया हुआ है तो मतदान के दौरान आसन पर कौन विराजमान होगा. उधर, स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद माना जा रहा था कि राजद की ओर से कोई खेला करने की कोशिश हो सकती है, लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह पैदा हो रहा है कि मतदान के दौरान आसन पर कौन विराजमान होगा. दूसरी ओर, विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने ऐलान कर दिया है कि फ्लोर टेस्ट के दौरान होने वाली चर्चा और मतदान के समय वे आसन पर विराजमान होंगे.
अवध बिहारी चौधरी नहीं मानें तो क्या होगा
बता दें कि जब से नीतीश कुमार ने एनडीए के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है, तब से फ्लोर टेस्ट को लेकर तरह तरह की बातें सामने आ रही हैं. उधर, एनडीए की सरकार बनने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अवश्विास प्रस्ताव लाया गया. उसके बाद स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया और कहा कि विधानसभा नियमावली से चलेगी. स्पीकर अवध बिहारी चौधरी राजद विधायक हैं और अगर वे फ्लोर टेस्ट के दौरान आसन पर रहते हैं तो विधानसभा में अजीबोगरीब हालात पैदा हो सकते हैं.
पहले स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव फिर फ्लोर टेस्ट
बताया जा रहा है कि 12 फरवरी को जब बिहार विधानसभा का बजट सत्र शुरू होगा, तब सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और फिर उसके बाद मतदान हो सकता है. अगर मतदान में उन्हें हटाने का प्रस्ताव पास हो जाता है तो वह आसानी से हट जाएंगे और उसके बाद नए स्पीकर का चुनाव होगा. उसके बाद नए स्पीकर ही फ्लोर टेस्ट की कार्यवाही का नेतृत्व करेंगे.
क्या है नियम 179
इधर, जेडीयू से ताल्लुक रखने वाले महेश्वर हजारी का कहना है कि विधानसभा स्पीकर के खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव मूव हुआ है तो 12 फरवरी को सदन की अध्यक्षता वे नहीं कर पाएंगे और मैं विधानसभा उपाध्यक्ष होने के नाते स्वाभाविक रूप से कार्यवाही का संचालन करूंगा. महेश्वर हजारी इसके लिए नियम 179 का हवाला देते हुए कहते हैं, विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की सूरत में सदन में चर्चा और मतदान की कार्यवाही का संचालन स्पीकर नहीं कर सकते. मतलब अगर किसी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है तो वह सदन की कार्यवाही का संचालन नहीं कर सकते. ऐसे में सदन की कार्यवाही का संचालन विधानसभा उपाध्यक्ष ही करते हैं.