आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन गंगा स्नान करके गुरू की पूजा की जाती है. माना जाता है गुरु के आशीर्वाद से व्यक्ति का जीवन सुखमय हो जाता है.
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आषाढ़ पूर्णिमा को लेकर गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा है. बेगूसराय में गंगा घाटों पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है. यहां स्थित प्रसिद्ध सिमरिया एवं झमटिया गंगा घाट सहित विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद मां गंगा की पूजा-अर्चना की. बता दें कि आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन गंगा स्नान करके गुरू की पूजा की जाती है. माना जाता है गुरु के आशीर्वाद से व्यक्ति का जीवन सुखमय हो जाता है.
यूं तो जिले के कई प्रखंडों से होकर गंगा की धारा गुजरती है, लेकिन खासकर मिथिला के द्वार कहे जाने वाले सिमरिया एवं आदि कवि विद्यापति की तपोभूमि कहे जाने वाली झमटिया गंगा घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. यहां सभी ने पूरी भक्ति भाव से मां गंगा में स्नान करके उनकी पूजा-अर्चना की. चूंकि कल से पवित्र सावन माह का भी प्रारंभ हो रहा है, जो भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना के लिए विशेष माह के रूप में जाना जाता है. अतः श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद भगवान भोलेनाथ के मंदिरों में भी जल अर्पण किया.
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अनुमानित भीड़ को लेकर प्रशासन के द्वारा भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जिससे कि किसी प्रकार की अनहोनी ना हो. पुजारियों ने कहा कि गुरु पूर्णिमा का अपना एक खास महत्व होता है और माता-पिता के साथ-साथ गुरु की सेवा करके लोग मोक्ष को प्राप्त करते हैं. इस अवसर पर राजधानी पटना और पटना सिटी के कई घाटों पर भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाई. राजधानी पटना से सटे फतुहा स्थित कटैया घाट राम जानकी मंदिर में गुरु पूर्णिमा पर शिष्य गंगा स्नान कर, शुद्ध होकर गुरु महाराज की पूजा करते हैं. गंगा घाट के पुजारी ने बताया कि इस मंदिर के सैकड़ों शिष्य हैं. आज के दिन दूर-दूर से यहां शिष्य आते हैं.
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उधर गुरु पूर्णिमा है ऐसे में बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ देखने को मिली. गुरु पूर्णिमा के ही दिन देवघर में विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का भी उद्घाटन किया जाता है. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर देवघर के दुम्मा बॉर्डर पर श्रवाणी मेला का उद्घाटन कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के द्वारा किया जाएगा. वहीं देवघर के बाबा बैजनाथ मंदिर में आज गुरु पुर्णिमा पर पूजा करने को लेकर भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. बारिश के बावजूद भारी संख्या में श्रद्धालु बाबा धाम पहुंचकर बाबा पर जल अर्पण कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पहले गंगा स्नान कर शुद्ध हो जाते हैं उसके बाद गुरु महाराज की पूजा करते हैं. इसके बाद भगवान की पूजा करते हैं. बता दें कि हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. उन्होंने ही ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद की रचना की थी. ऐसे में उनके भक्तों द्वारा उनको गुरु मानकर उनकी पूजा की जाती है, इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.
रिपोर्ट- जीतेंद्र चौधरी