बिहार में मॉनसून के उमड़ते-घुमड़ते बादल किसानों में बारिश की आस जगा रहे हैं. लेकिन, झमाझम बारिश की आस जगाकर बादल निकल जा रहे हैं. बिहार की राजधानी पटना के आसमान पर सोमवार को बादल रहे, लेकिन हल्की बूंदाबांदी हुई.
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Patna: बिहार में मॉनसून के उमड़ते-घुमड़ते बादल किसानों में बारिश की आस जगा रहे हैं. लेकिन, झमाझम बारिश की आस जगाकर बादल निकल जा रहे हैं. बिहार की राजधानी पटना के आसमान पर सोमवार को बादल रहे, लेकिन हल्की बूंदाबांदी हुई.
जून माह में 172.8 मिमी बारिश की आवश्यकता है. लेकिन, अब तक मात्र 20 मिमी के आसपास बारिश हुई है. इस कारण आर्द्रा में भी खेतों में बीज नहीं डाला जा सका है. मॉनसून 12 जून को प्रवेश कर गया था, परंतु काफी दिनों तक पूर्णिया में ही ठिठका रहा. फिर, सप्ताह भर बाद एक बार फिर मॉनसून सक्रिय हुआ, जिससे प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की वर्षा हुई. 16 से 22 जून तक राज्य में सामान्य से 81 प्रतिशत कम वर्षा रिकार्ड की गई. इस दौरान राजधानी में सामान्य से 74 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई.
मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, सहरसा, समस्तीपुर एवं सारण जिलों में वर्षा की काफी कमी पाई गई. आंकड़ों के मुताबिक, सबसे अधिक बारिश किशनगंज में करीब 79 मिमी दर्ज की गई है. किसानों का कहना है कि आर्द्रा नक्षत्र चल रहा है. यह नक्षत्र खेती के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. इस दौरान लंबी अवधि वाले धान के बिचड़े की रोपनी होती है, जिसका बिचड़ा किसान रोहिणी नक्षत्र में डाल चुके होते हैं. वहीं, कम अवधि वाले धान के प्रभेदों का बिचड़ा आर्द्रा में डालते है. वर्षा नहीं होने से किसान न तो धान की रोपनी कर पा रहे हैं न ही बिचड़ा डाल रहे है.
बता दें कि इससे पहले गर्मी ने लोगों को समस्या को बढ़ा दिया था. लोग गर्मी की वजह से काफी ज्यादा परेशान थे. लेकिन हाल में ही बारिश की वजह से उन्हें थोड़ी राहत मिली थी. लोग एक बार फिर से मानसून का इंतजार कर रहे हैं.
(इनपुट आईएएनएस के साथ)