Budget 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की सभी 40 सीटें जनता से मांगी थीं, जिनमें से एनडीए को केवल 30 सीटें मिल पाईं. पीएम मोदी अकसर रैलियों में डबल इंजन सरकार की बात करते थे. बिहार के लिए अब डबल इंजन वाली बात सही साबित होती दिख रही है.
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जब से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट 2024-25 पेश किया है, तब से मोदी सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि सरकार बचाने का इंतजाम कर लिया गया है. निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के हर पैरे में बिहार का नाम प्रमुखता से लिया. पर्यटन हो, मेडिकल हो या फिर आधारभूत ढांचे का विकास, बिहार को चौतरफा वित्तीय मदद दी गई है. बजट से बिहार में BJP की प्रमुख सहयोगी JDU के नेता गदगद हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी दिल खोलकर बजट की तारीफ की है. तारीफ करें क्यों नहीं, शायद पहली बार बजट में से 58,900 करोड़ रुपए बिहार के विकास पर खर्च होंगे.
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बिहार से लोकसभा के 40 सांसद हैं. अगर बिहार को मिले वित्तीय मदद को सभी सांसदों के हिसाब से बांट दिया जाए तो यह 1,472.50 करोड़ रुपए बैठता है. अगर NDA के 30 सांसदों के हिसाब से बांटें तो हर एक सांसद पर 1,963.33 करोड़ रुपए होते हैं. इस हिसाब से नीतीश कुमार का गदगद होना बनता है. जब संसद में मोदी सरकार की ओर से वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने एक लिखित जवाब में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से दोटूक मना कर दिया था तो ऐसा लग रहा था कि BJP और JDU के संबंध बिगड़ सकते हैं. विपक्षी नेता तो नीतीश कुमार को सरकार से निकलने की भी सलाह दे रहे थे, लेकिन वित्त मंत्री के बजट पेश करने के बाद विपक्ष की उम्मीदों पर बादल बरस गए.
बिहार को भले ही विशेष राज्य का दर्जा भले न मिला पर बजट में बिहार को उम्मीद से कई गुना मिल गया. नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के संबंध में बातचीत करने के लिए 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से समय मांगा था, जो नहीं मिला. फिर नीतीश कुमार अधिकार यात्रा पर निकल गए थे और अपनी यात्रा के समापन पर उन्होंने पटना के गांधी मैदान में अधिकार रैली की थी और तब की केंद्र सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे जंतर मंतर को बिहारियों से भर देंगे. फिर एक अंतर मंत्रालयी समिति बनी, जिसने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से मना कर दिया था.
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खैर, अब नीतीश कुमार की मांग भले ही न मानी गई हो पर बिहार के लिए की गई घोषणाएं नीतीश कुमार को संतोष देती हैं. बिहार के लिए जो घोषणाएं की गई हैं उनमें बाढ़ कंट्रोल करने के लिए 11,500 करोड़ रुपये, भागलपुर के पीरपैंती में 2400 मेगावाट का पावर प्लांट, मेडिकल कॉलेज के विकास, बक्सर में गंगा नदी पर बनेगा पुल, बोधगया और राजगीर के लिए नई सड़क, वैशाली और दरभंगा के बीच सड़क, गया में विष्णुपद मंदिर का विकास, पटना और पूर्णिया के बीच एक्सप्रेसवे, राजगीर में ब्रह्मकुंड का कायाकल्प, बाढ़ नियंत्रण के लिए 20 योजनाएं और बोधगया को वर्ल्ड क्लास टूरिस्ट सेंटर बनाने की घोषणा शामिल है. जाहिर है, केंद्र सरकार के इस तोहफे से बिहार के विकास को पंख लगेंगे.