Chanakya Niti: इन कामों को करने में कभी न करें शर्म, वरना पड़ेगा पछताना
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Chanakya Niti: इन कामों को करने में कभी न करें शर्म, वरना पड़ेगा पछताना

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य (Aachaary Chanakya) को भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे पहला और सबसे महान राजनीतिज्ञ दार्शनिक और अर्थशास्त्री माना जाता है.

Chanakya Niti: इन कामों को करने में कभी न करें शर्म, वरना पड़ेगा पछताना

पटना:Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य (Aachaary Chanakya) को भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे पहला और सबसे महान राजनीतिज्ञ दार्शनिक और अर्थशास्त्री माना जाता है. आचार्य चाणक्‍य ने राजनीति, अर्थशास्‍त्र, कूटनीति के अलावा हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली कई ऐसी बातें बताईं जो आज भी हमारे लिए उतना ही उपयोगी है जितनी पहले थी. आर्चार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में हर पीढ़ी के लोगों को कोई न कोई सीख दी है. जिस पर अमल करके हम अपने जीवन में कामयाबी की बुलंदों आसानी से छु सकते हैं.

अक्सर हमारे जीवने में कई ऐसे काम आते हैं जिसे करने से हम शर्माते हैं. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र चार ऐसे कामों के बारे में बताया है जिसे करते समय हमें बिलकुल भी शर्म नहीं करनी चाहिए.

शर्म-लिहाज छोड़ जरूर करें ये 4 काम

-हर इंसान की ये चाहत होती है कि उसका जीवन सुखमय हो और उसके घर में हमशा सुख-शांति रहे, लेकिन इसके लिए धन सबसे जरूरी चाज है. ऐसे में आचार्य चाणक्य का कहना है कि किसी भी आदमी धन कमाने से जुड़े काम करते समय शर्म नहीं करना चाहिए. क्योंकि कोई व्यक्ति अगर धन कमाने के लिए काम करते समय शर्म करता है तो अपने काम को वो ठीक से नहीं कर सकता.

-आचार्य चाणक्य का कहना है कि यदि किसी को आपने पैसे उधार में दिए हैं तो उसे वापस मांगने में आपको शर्म नही करनी चाहिए. अगर आप ऐसा कतरते हैं तो आपका पैस डूब भी सकता है और इसकी वजह से आपको बड़ा नुकसान हो सकता है.

-आचार्य चाणक्य आगे कहते हैं कि इंसान के लिए सबके लिए महत्वपूर्ण पेट है. लोग कमाते भी इसलिए ही है कि कभी भी उनके सामने खाने का संकट पैदा न हो. ऐसे में खाना खाते समय कभी भी शर्म नहीं करना चाहिए. कई लोग ऐसे होते हैं जो घर के बाहर भोजन करते समय शर्माते हैं और शर्म की वजह से कई बार वो भूखे रह जाते हैं. चाणक्य का कहना है कि इंसान को कभी भूख को नहीं मारना चाहिए.

-इसके अलावा आचार्य चाणक्य का कहना है कि गुरु से शिक्षा लेते समय हमें भूलकर भी शर्म नहीं करना चाहिए. दरअसल हर व्यक्ति के जीवन में गुरु मार्गदर्शक की भूमिका में होते हैं और मनुष्य को उनसे हर समय कुछ न कुछ सीखने को ही मिलता है. ऐसे में शिक्षा लेते समय हमें कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए.

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