Chanakya Niti : भारत ही नहीं दुनिया के पहले अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र, नीति शास्त्र के ज्ञाता आचार्य चाणक्य यानी कौटिल्य को हर कोई जानता है. आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र में वर्णित नियमों को पढ़कर आप अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं.
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पटना : Chanakya Niti : भारत ही नहीं दुनिया के पहले अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र, नीति शास्त्र के ज्ञाता आचार्य चाणक्य यानी कौटिल्य को हर कोई जानता है. आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र में वर्णित नियमों को पढ़कर आप अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं. चाणक्य के नीति शास्त्र में समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार से शुरू होकर देश और विदेश तक के संबंधों और नीतियों के बारे में वर्णन किया गया है. ऐसे में यह नीति शास्त्र हर मनुष्य के जीवन की सफलता की कुंजी है. चाणक्य नीति आपके जीवन से जुड़ी हर सच्चाई को बयां करनेवाली है.आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों के जरिए इसके बारे में बताया कि आखिर आपको अपने जीवन में प्यार करने से पहले ऐसे लोगों को परखें ताकि आपकी जिंदगी सुखद और आसानी से बीते.
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरिए लोगों को परखने आपके जीवन में प्यार करने वाले मनुष्य को समझने में मदद की है. चाणक्य नीति शास्त्र की मानें तो प्यार बुरा नहीं है, लेकिन आपके साथ प्यार करने वाले बुरे हो सकते हैं. आपको प्यार करनेवाला अगर बुरा होगा तो वह आपको आपके सपने से दूर कर सकता है, ऐसे में वो प्यार नहीं है. आचार्य चाणक्य की मानें तो जो मूर्ख होते हैं उन्हें लगता है कि सच्चा प्यार मिल गया है लेकिन ऐसा नहीं होता है.
यस्य स्नेहो भयं तस्य स्नेहो दुःखस्य भाजनम्।
स्नेहमूलानि दुःखानि तानि त्यक्तवा वसेत्सुखम्॥
इस श्लोक में चाणक्य जो कहना चाहते हैं उसका भाव यह है कि प्यार से डर पैदा होता है और ऐसे में प्रेम ही सारे दु:खों की जड़ होता है. ऐसे में इंसान को प्रेम के बंधन में बंधने से पहले इस सबको तोड़कर एक सुखी जीवन का रास्ता अख्तियार करना चाहिए. क्योंकि प्यार करने वाले कभी डरते नहीं हैं लेकिन उन्हें खोने का डर सताता रहता है.
आचार्य चाणक्य की मानें तो किसी के लिए प्यार करना या प्यार में पड़ना बुरा होता है वह भी तब जब आप किसी को बिना परखे अंधा प्यार करने की बेवकूफी करते हैं. कहा भी गया है अति सर्वत्र वर्जयेत ऐसे में अत्यंत विश्वास भी लोगों को कभी-कभी ज्यादा परेशान कर सकता है. इसलिए किसी से भी अत्यधिक प्यार और उसपर अंधा विश्वास आपके जीवन को परेशानियों में डाल सकता है. ऐसे में हद से ज्यादा प्यार करना प्रेमी या प्रेमिका को सिर्फ कष्ट का कारण बन सकता है. क्योंकि इस अंधे प्यार के चक्कर में आपको सामने वाले की कमियां दिखाई नहीं देती है. जो बाद में आपके लिए परेशानी का सबब बन जाता है.
आचार्य चाणक्य की मानें तो पहली नजर में किसी से प्यार बेवकूफी के अलावा कुछ भी नहीं है. वह महज आकर्षण है जो शारीरिक सुंदरता के रास्ते होकर आंखों में उतरता है. ऐसे में प्यार करने से पहले दूसरे को जान लेना जरूरी है. ऐसे में किसी को समय देकर उसके बारे में पहले बेहतर तरीके से जानें फिर उससे प्यार करें. इससे आपका प्यार परखा होगा और आप जिदंगी में आनेवाले दु:खों से बच जाएंगे.
चाणक्य की मानें तो प्रेमिका अगर सुंदर-संस्कारी और विवेकशील हो तो प्रेमी का जीवन स्वर्ग बन जाता है, वहीं इसके उलट गुण वाली प्रेमिका हो तो आपके जीवन में परेशानियों का सैलाब आ जाएगा. यहां सुंदरता का मतलब सिर्फ आंतरिक सुंदरता से है ना कि केवल शारीरिक सुंदरता से.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कोई पुरुष या महिला एक से बात करे दूसरे से प्यार और तीसरे को याद तो ऐसे में वह छल करनेवाला है. ऐसे में ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. ऐसे में आप पहले एक दूसरे को जानें और तभी प्यार करें. वह आगे कहते हैं कि अगर प्रेम आपके सालों पुराने सपने को तोड़ दे तो वो आपको प्यार नहीं कर रहा या रही है, ऐसे रिश्तों से तुरंत दूरी बना लेनी चाहिए.
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