Karnataka Election Results 2023: ना सिद्धारमैया न डीके शिवकुमार, कांग्रेस की ओर से CM के लिए ये नेता हो सकता है डार्क हॉर्स
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Karnataka Election Results 2023: ना सिद्धारमैया न डीके शिवकुमार, कांग्रेस की ओर से CM के लिए ये नेता हो सकता है डार्क हॉर्स

कांग्रेस पार्टी इस बार ना सिद्धारमैया और ना ही डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाएगी. दरअसल, कांग्रेस इस वक्त ऐसे चेहरे की तलाश में है जो अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सके.

कांग्रेस

Karnataka Election Results 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है. रुझानों में कांग्रेस पार्टी बहुमत के करीब जाती हुई नजर आ रही है, तो बीजेपी काफी पीछे चल रही है. वहीं जेडीएस भी 24 सीटों पर आगे चल रही है. रुझानों को देखकर दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर पर जश्न का माहौल देखने को मिल रहा है. उधर जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी ने अपने विजेता वाले विधायकों को बेंगलुरु पहुंचने का आदेश दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी बेंगलुरु में मौजूद हैं. मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार भी बेंगलुरु पहुंच रहे हैं. हालांकि, चुनाव नतीजे स्पष्ट होने के बाद सीएम चेहरे पर मंथन शुरू होगा. 

जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी इस बार ना सिद्धारमैया और ना ही डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाएगी. दरअसल, कांग्रेस इस वक्त ऐसे चेहरे की तलाश में है जो अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सके. पार्टी आलाकमान की नजरों में ऐसे नेताओं में एमबी पाटिल खरे उतर रहे हैं. एमबी पाटिल कर्नाटक कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में शुमार हैं. इसीलिए पाटिल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की चुनाव अभियान समिति का प्रमुख भी नियुक्त किया है. 

बीजेपी के बेस वोटबैंक पर नजर

एमबी पाटिल की छवि एक साफ-सुथरे राजनेता की है. वो प्रदेश के प्रभावशाली लिंगायत समुदाय से आते हैं इसलिए उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में भी देखा जाता है. पाटिल के सहारे कांग्रेस पार्टी की नजर बीजेपी के बेस वोटबैंक पर है. बता दें कि प्रदेश में अभी लिंगायत वोटबैंक को बीजेपी का कोर वोटर समझा जाता है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा भी इसी समुदाय से आते हैं. अब कांग्रेस पार्टी इस वोटबैंक में सेंध लगाना चाहती है. इसीलिए पार्टी ने इस बार 62 लिंगायतों को टिकट दी थी. 

कर्नाटक फतह से कांग्रेस को फायदा?

यदि कर्नाटक में कांग्रेस का हाथ मजबूत होता है तो इसका सीधा असर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा. दरअसल, अभी देशव्यापी नजरिए से कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक स्थिति बेहद दयनीय है. 2014 के बाद से पार्टी को चुनावी अखाड़े में ज्यादातर मात का सामना करना पड़ा है. इन 10 सालों में एक-एक कर कई राज्यों से भी कांग्रेस की सरकार खत्म हो गई. अब सिर्फ राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल में ही पार्टी की अपने दम पर सरकार है. लगातार हार की वजह से कांग्रेस का जनाधार तो घटा ही है, कार्यकर्ताओं और समर्थकों में भी निराशा का माहौल है. 

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कांग्रेस के लिए कर्नाटक होगी संजीवनी

यदि कर्नाटक में कांग्रेस अकेले बहुमत हासिल कर सरकार बनाने में कामयाब हो जाती है तो ये उसके लिए किसी भी तरह से संजीवनी से कम नहीं होगी. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं में कर्नाटक फतह से नया जोश जगेगा. इसके अलावा बीजेपी के खिलाफ तैयार हो रहे महागठबंधन में क्षेत्रीय दल कांग्रेस पार्टी पर हावी नहीं हो सकेंगे. कांग्रेस अगर कर्नाटक फतह कर लेती है, तो इससे उसे विपक्षी एकता की अगुवाई करने का मौका मिलने की संभावनाएं भी बढ़ सकती हैं. 

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