बिहार में धान खरीद की रफ्तार धीमी, पैक्स चुनाव और कटाई की सुस्ती बनी बड़ी वजह
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बिहार में धान खरीद की रफ्तार धीमी, पैक्स चुनाव और कटाई की सुस्ती बनी बड़ी वजह

Bihar News: पैक्स चुनाव खत्म होने और कटाई का काम पूरा होने के बाद धान की खरीद में तेजी आएगी. सरकार की ओर से 15 फरवरी तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और इसे पूरा करने की पूरी कोशिश की जाएगी.

बिहार में धान खरीद की रफ्तार धीमी, पैक्स चुनाव और कटाई की सुस्ती बनी बड़ी वजह

पटना : बिहार में इस साल धान खरीद का कार्य एक नवंबर से शुरू हुआ है, लेकिन अब तक इसकी रफ्तार सुस्त बनी हुई है. राज्य सरकार ने इस साल 45 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया है, लेकिन शुरुआत के पंद्रह दिनों में केवल 15 हजार मीट्रिक टन धान की ही खरीद हो पाई है. किसानों के क्रय केंद्रों तक न पहुंचने और धान की कटाई में हो रही देरी को इस सुस्ती का मुख्य कारण माना जा रहा है.

पैक्स चुनाव और धान कटाई ने बढ़ाई परेशानी
राज्य में प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) का चुनाव चल रहा है, जो धान खरीद की रफ्तार को प्रभावित कर रहा है. अधिकांश किसान और पैक्स अध्यक्ष चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हैं, जिससे खरीद प्रक्रिया धीमी हो गई है. तीन दिसंबर को अंतिम चरण का मतदान है, जिसके बाद धान खरीद में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है. दूसरी ओर, दक्षिण बिहार में धान की कटाई अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है. जहां कटाई हो चुकी है, वहां धान में अधिक नमी होने के कारण किसान क्रय केंद्रों पर धान नहीं ले जा पा रहे हैं. सरकार के नियमों के अनुसार अधिक नमी वाला धान स्वीकार नहीं किया जाता. किसान अपने धान को धूप में सुखाने में लगे हुए हैं, ताकि उसकी नमी कम हो सके. साथ ही कोसी क्षेत्र में खरीद शुरू, लेकिन आंकड़े निचले स्तर पर कोसी क्षेत्र के अररिया में अब तक 2234 मीट्रिक टन और सहरसा में 686 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है. सीवान, सीतामढ़ी और पूर्णिया जैसे जिलों में भी खरीद प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन आंकड़े अभी भी उम्मीद के मुताबिक नहीं हैं.

पांच दिसंबर के बाद रफ्तार पकड़ने की उम्मीद
विशेषज्ञों का मानना है कि पैक्स चुनाव समाप्त होने और कटाई का कार्य पूरा होने के बाद, धान खरीद में तेजी आएगी. सरकार द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि 15 फरवरी तक लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश की जाएगी. सरकार को इस बीच किसानों को जागरूक करने और क्रय केंद्रों पर व्यवस्था बेहतर बनाने की जरूरत है. इसके साथ ही, किसानों को धान सुखाने और उसे बेचने के लिए प्रोत्साहित करना होगा, ताकि वे क्रय केंद्रों तक आसानी से पहुंच.

इनपुट -आईएएनएस

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