Bihar Ranji Trophy: बीसीसीआई ने 1934 में इस चैंपियनशिप की स्थापना की थी और तब से इसे भारत के विभिन्न मैदानों और स्टेडियमों में आयोजित किया जाता रहा है.
जब इस टूर्नामेंट की स्थापना की गई थी, तब इसका नाम 'भारतीय क्रिकेट चैम्पियनशिप' रखा गया था, 1935 में इसका नाम बदलकर रणजीत सिंह के नाम पर रखा गया, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले पहले भारतीय थे. उन्होंने 1896 से 1902 तक इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेला था.
इस प्रतियोगित का पहला मैच 4 नवंबर 1934 को मद्रास (अब चेन्नई ) और मैसूर के बीच मद्रास के चेपक मैदान में हुआ था. वर्तमान में इस प्रतियोगिता में 38 टीमें शामिल हैं, जिसमें भारत के सभी 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में से 4 शामिल हैं.
मुंबई टीम, इस टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम है, जिसके नाम रिकॉर्ड 42 खिताब हैं. पिछले साल भी मुंबई ने टूर्नामेंट जीता था. उसने फाइनल में विदर्भ क्रिकेट टीम को हराया था.
इस साल बिहार का मुकाबला कर्नाटक और मध्य प्रदेश से होने वाला है. बिहार टीम की कप्तानी मयंक अग्रवाल करेंगे. इस टीम में मनीष पांडे, श्रेयस गोपाल, मोहसिन खान जैसे नामी खिलाड़ी शामिल होंगे.
पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में भी मैच खेले जाने हैं. 9 महीने पहले पटना का मोइनुल हक स्टेडियम दो वजहों से सुर्खियों में था. पहली वजह, लंबे अंतराल के बाद रणजी की बड़ी टीमों से बिहार का मुकाबला और दूसरी, स्टेडियम की जर्जर स्थिति.
अब स्टेडियम का पुनर्विकास हो रहा है. पवेलियन में भी खिलाड़ियों की सुविधाओं में इजाफा किया गया है. साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है. कुल मिलाकर, 26 अक्टूबर को जब मैच शुरू होगा, तो मोइनुल हक स्टेडियम अपने नए रूप में दिखाई देगा.
हालांकि, इस साल पब्लिक गैलरी में दर्शकों की एंट्री पर रोक है. दरअसल, बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग द्वारा दर्शक दीर्घा की स्थिति उपयोग लायक नहीं है. इसे डेंजर घोषित किया गया है.
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