Sachin Tendulkar: दुनिया में सचिन तेंदुलकर के वैसे तो सैकड़ों किस्से मशहूर हैं, लेकिन उनके करियर की कुछ बातें काफी दिलचस्प हैं. वैसे तो अपने क्रिकेट करियर में सचिन तेंदुलकर ने कई बार अपने फैन्स और उन खिलाड़ियों को भी ऑटोग्राफ दे चुके हैं जिनके साथ या जिनके खिलाफ वो खेले हैं.
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पटना:Sachin Tendulkar: दुनिया में सचिन तेंदुलकर के वैसे तो सैकड़ों किस्से मशहूर हैं, लेकिन उनके करियर की कुछ बातें काफी दिलचस्प हैं. वैसे तो अपने क्रिकेट करियर में सचिन तेंदुलकर ने कई बार अपने फैन्स और उन खिलाड़ियों को भी ऑटोग्राफ दे चुके हैं जिनके साथ या जिनके खिलाफ वो खेले हैं. उन्होंने ऐसा ही एक ऑटोग्राफ 2007 में आस्ट्रेलिया के पूर्व गेंदबाज ब्रैड हॉग को दिया था.
दिन 5 अक्टूबर 2007 जगह राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम मुकाबला भारत और आस्ट्रेलिया के बीच तीन मैचों की सीरिज के अंतिम मैच का. टॉस आस्ट्रेलिया ने जीता और पहले बैटिंग चुनी. 50 ओवर में 7 विकेट खोकर कंगारू टीम ने 290 रन बनाए, जिसमें एंडयू साइमंड्स ने 67 गेंद पर 89 रन बनाए. उस समय के लिहाज से यह बड़ा टारगेट था. 291 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत बेहद खराब रही थी. 6 रन बनाकर गौतम गंभीर आउट हो गए. तब भारत का स्कोर महज 10 रन था. रॉबिन उथप्पा बिना कोई रन बनाए बोल्ड हो गए तो राहुल द्रविड़ गोल्डन डक का शिकार हो गए थे. स्कोर था 11 रन पर 3 विकेट.
हालांकि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने युवराज सिंह के साथ मिलकर 50 रनों की साझेदारी की, तभी 25वें ओवर की अंतिम गेंद पर ब्रेड हॉग ने सचिन तेंदुलकर को बोल्ड कर दिया. युवराज ने हालांकि 121 रनों की पारी खेली पर टीम इंडिया 243 पर आल आउट हो गई. टीम इंडिया 47 रनों से मुकाबला हार गई. मैच के बाद ब्रेड हॉग सचिन के पास गए और उस तस्वीर पर उनसे ऑटोग्राफ मांगा, जिस पर वह बोल्ड हुए थे. सचिन ने आटोग्राफ तो दे दिया पर एक मैसेज भी लिखा कि जिंदगी में फिर कभी मुझे आउट नहीं कर पाओगे. ब्रेड हॉग ने सचिन के इस मैसेज को हल्के में लिया. उस मैच के बाद सचिन और ब्रेड हॉग करीब 17 बार आमने सामने हुए पर हॉग फिर कभी सचिन को आउट नहीं कर पाए. सचिन जब तक 22 गज की पिच पर खेलते रहे, हॉग से किया अपना वादा निभाते रहे.
ब्रेड हॉग ने इस किस्से का खुलासा हाल ही में द संडे एज को दिए इंटरव्यू में किया. हॉग ने कहा, सचिन का दिया आटोग्राफ मेरी जिंदगी का सबसे कीमती तोहफा है और सचिन जैसे महान बल्लेबाज को गेंद डालना उनके लिए सम्मान की बात थी. ऐसे ही सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के भगवान नहीं कहे जाते. रिकॉर्ड तो बनते टूटते रहेंगे पर सचिन जैसा खिलाड़ी दोबारा क्रिकेट की पिच पर दिखे, ऐसा होता न तो दिख रहा है और न ही दिख पाएगा.
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