Sharda Sinha Death: शारदा सिन्हा का जाना बिहार के लिए बहुत बड़ी क्षति, लालू यादव और जीतन मांझी ने जताया दुख
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Sharda Sinha Death: शारदा सिन्हा का जाना बिहार के लिए बहुत बड़ी क्षति, लालू यादव और जीतन मांझी ने जताया दुख

Bihar Kokila Sharda Sinha Death: बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा की मंगलवार (5 नवंबर) की रात को देहांत हो गया.  राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने उनके निधन पर दुख जताया है. 

Sharda Sinha Death: शारदा सिन्हा का जाना बिहार के लिए बहुत बड़ी क्षति, लालू यादव और जीतन मांझी ने जताया दुख

Sharda Sinha Death: मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार रात देहांत हो गया. राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने उनके निधन को बिहार के लिए बहुत बड़ी क्षति बताया. राजद सुप्रीमो लालू यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए शारदा सिन्हा के निधन पर दुख प्रकट किया. इसी के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी सोशल मीडिया पर दुख जताया है.

लालू यादव ने कहा कि शारदा सिन्हा का देहांत छठ के अवसर पर ही हो गया. छठ त्योहार के गीतों में उनकी आवाज एक अलग सा माहौल बनाती थी. लालू यादव ने आगे कहा कि शारदा सिन्हा को सारा परिवार सुनता था और उनका आदर करता था. सूर्य भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वो शारदा सिन्हा की आत्मा को शांति प्रदान करें. जितने भी उनके श्रोता हैं, उनको दुख सहने की शक्ति दें. लालू यादव ने सभी को छठ की शुभकामनाएं दी और कहा कि शारदा सिन्हा का हमारे बीच नहीं रहना बिहार के लिए बहुत बड़ी क्षति है. 

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पद्म भूषण शारदा सिन्हा के निधन पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने दुख जताया है. उन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. मांझी ने लिखा, बिहार कोकिला शारदा सिन्हा के निधन से स्तब्ध हूं. उनकी गायन ने बिहार की संस्कृति, भोजपुरी संगीत और छठ महापर्व की महानता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक गरिमामयी पहचान दिलाई है. ईश्वर उन्हें श्री चरणों में स्थान प्रदान करें. जीतन राम मांझी ने एक वीडियो पोस्ट में कहा, समस्त हिन्दुस्तान और हिन्दुस्तान की संस्कृति खास तौर आंचलिक संस्कृति के लिए बहुत दुखद बात है. हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें. हम समझते हैं कि आंचलिक गीतों को गाकर जिस प्रकार उन्होंने सेवा की है. छठ पूजा, देवी, मुंडन, विवाह के गीतों से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए. हमारी ओर से शारदा सिन्हा को यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी. जब तक यह संसार है हम लोग उनके द्वारा गाए गीतों से अवगत होते रहेंगे. 

बता दें कि कुछ दिन पहले शारदा सिन्हा को बीमारी के चलते दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. सोमवार को तबीयत बिगड़ने पर उन्हें वेंटीलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था. शारदा सिन्हा के पुत्र अंशुमन सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर निधन की जानकारी साझा की थी. पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे. मां को छठी मइया ने अपने पास बुला लिया है. मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं. पद्म भूषण से सम्मानित 72 वर्षीय शारदा सिन्हा मैथिली और भोजपुरी गीत गाने के लिए जानी जाती हैं. 

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गीत-संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है. शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के समस्तीपुर में संगीत से जुड़े एक परिवार में हुआ था. उन्होंने 1980 में ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से अपना करियर शुरू किया और जल्द ही अपनी दमदार आवाज और भावनात्मक प्रस्तुति के लिए मशहूर हो गईं. खास बात ये रही कि उन्होंने भोजपुरी श्रोताओं को ऐसे गीत दिए जो अश्लीलता से परे रहे. पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा मैथिली और भोजपुरी गानों का जाना पहचाना नाम थीं. उनके चर्चित गानों में 'विवाह गीत' और 'छठ गीत' शामिल हैं. गीत-संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है.

इनपुट- आईएएनएस के साथ 

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