Shardiya Navratri 2024: इस नवरात्रि पालकी पर होगा माता रानी का आगमन, जानें शुभ मुहूर्त
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Shardiya Navratri 2024: इस नवरात्रि पालकी पर होगा माता रानी का आगमन, जानें शुभ मुहूर्त

Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि की कहानी महाभारत काल से जुड़ी मानी जाती है. कहा जाता है कि जब राक्षस महिषासुर ने देवताओं को हरा दिया था, तब सभी देवताओं ने मिलकर मां दुर्गा को उत्पन्न किया. मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर देवताओं को उसकी अत्याचार से मुक्त किया.

Shardiya Navratri 2024: इस नवरात्रि पालकी पर होगा माता रानी का आगमन, जानें शुभ मुहूर्त

Shardiya Navratri 2024: मां दुर्गा का आगमन पालकी पर हो रहा है, इस बार 3 अक्टूबर 2024 से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. आचार्य मदन मोहन के अनुसार यह नौ दिनों का त्योहार है, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. इस दौरान भक्त व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उपवास रखते हैं.

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
आचार्य मदन मोहन के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का विशेष महत्व है. इस बार इसके लिए दो शुभ मुहूर्त बताए गए हैं.

प्रातःकाल - सुबह 6:19 बजे से 7:23 बजे तक
दोपहरकाल - 11:46 बजे से 12:33 बजे तक

कलश स्थापना की विधि
आचार्य मदन मोहन के अनुसार पहले एक मिट्टी के पात्र में थोड़ी मिट्टी डालें और उसमें जौ के बीज बोएं. तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और उस पर मौली बांधें. लोटे में जल भरकर उसमें गंगाजल मिलाएं. लोटे के ऊपर दूब, अक्षत, सुपारी और कुछ सिक्के रखें. फिर, आम या अशोक के पत्ते लोटे के ऊपर रखें और एक नारियल को लाल चुनरी में लपेटकर मौली बांधें, उसे कलश के ऊपर रखें. इस दौरान मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करना चाहिए ताकि देवी का आशीर्वाद प्राप्त हो सके.

मां दुर्गा का पालकी पर आगमन
इस बार मां दुर्गा पालकी पर आ रही हैं, जो धार्मिक दृष्टिकोण से अच्छा नहीं माना जा रहा है. ज्योतिष के अनुसार इसका संकेत यह है कि देश में अशांति, प्राकृतिक आपदाओं या अर्थव्यवस्था में गिरावट हो सकती है. फिर भी, मां दुर्गा की आराधना से सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है.

नवरात्रि के नौ दिनों में पूजी जाने वाली मां दुर्गा के रूप
प्रथम दिन: शैलपुत्री
द्वितीय दिन: ब्रह्मचारिणी
तृतीय दिन: चंद्रघंटा
चतुर्थ दिन: कुष्मांडा
पंचम दिन: स्कंदमाता
षष्ठम दिन: कात्यायनी
सप्तम दिन: कालरात्रि
अष्टम दिन: महागौरी
नवम दिन: सिद्धिदात्री

नवरात्रि की पौराणिक कथा
आचार्य मदन मोहन के अनुसार कहा जाता है कि महिषासुर राक्षस ने देवताओं को पराजित कर दिया था. तब सभी देवताओं ने मिलकर मां दुर्गा को जन्म दिया, जिन्होंने महिषासुर का वध कर देवताओं को बचाया था. यह त्योहार उसी विजय की याद में मनाया जाता है.

विशेष कृपा पाने के उपाय
नवरात्रि में मां दुर्गा की विशेष कृपा पाने के लिए भक्तों को पूरी श्रद्धा से पूजा-पाठ और नियमों का पालन करना चाहिए.

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