Upendra Kushwaha: उपेंद्र कुशवाहा ने साफ कर दिया कि वह जेडीयू के पांच रुपये वाले कार्यकर्ता बनकर भी रहने को तैयार है. उन्होंने समय दे बातचीत करें मैं तो तैयार हूं. 12:00 बजे रात में भी मुख्यमंत्री के दरबार में हाजिरी लगाने चला जाऊंगा.
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पटना: Upendra Kushwaha: जदयू में लगातार चल रही उठापटक के बीच बुधवार को उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी नाराजगी की वजह साफ कर दी है. उन्होंने आगामी विधान सभा चुनाव जो कि 2025 में होने वाला है, इसके सीएम चेहरे को लेकर अपनी आशंका और मंशा दोनों जाहिर की है. उन्होंने साफ किया कि वह तेजस्वी को सीएम चेहरे के तौर पर नहीं देखना चाहते हैं. उन्होंने मुख्य मंत्री नीतीश कुमार से अपील करते हुए कहा कि यदि आरजेडी के साथ ऐसी कोई डील हुई है जिसके तहत वो बिहार के अगले मुख्यमंत्री के चेहरे पर चुनाव लड़ने की तैयारी है तो इस डील को रद्द किया जाए. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के चेहरे की जगह जेडीयू के किसी कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया जाए.
बोले- मैं बातचीत को तैयार
उपेंद्र कुशवाहा ने साफ कर दिया कि वह जेडीयू के पांच रुपये वाले कार्यकर्ता बनकर भी रहने को तैयार है. उन्होंने समय दे बातचीत करें मैं तो तैयार हूं. 12:00 बजे रात में भी मुख्यमंत्री के दरबार में हाजिरी लगाने चला जाऊंगा. कुछ लोग हैं जो पार्टी को तोड़ने की कवायद में लगे हैं और हर कोई इस बात को जानता है कैमरा माइक बंद कर कर आप पार्टी कार्यालय में किसी से भी पूछेंगे पार्टी के चपरासी से भी पूछेंगे तो वह बता देगा कि कौन पार्टी को कमजोर कर रहा है. मैं हर तरह की कार्रवाई चाहने को तैयार हूं मैं तो यही कह रहा हूं कि किसी तरह पार्टी को बचा लीजिए मैं पार्टी को मजबूती की बात कर रहा हूं. जो डील हुई है, उस तरफ पार्टी अगर चलेगी तो पार्टी को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता है पार्टी टूट सकती है.
आरोप नहीं करते मैटर: कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जिस तरह से मेरे पर आरोप लग रहे हैं, तो मैं बीजेपी या मुस्लिम लीग के इशारे पर काम कर रहा हूं या कोई मैटर नहीं रखता है बल्कि पार्टी को बचा लेना सबसे बड़ी मैटर है और मुख्यमंत्री जी पार्टी को बचा लीजिए. उन्होंने दोहराया, जेडीयू अगले 2025 का नेतृत्व कोई अति पिछड़ा और लव कुश समीकरण को देने का काम करे अगर पार्टी नहीं सम्भालती है तो पार्टी का डूबना तय है. उन्होंने फिर दोहराया कि 'हम केवल प्राथमिक सदस्य बनकर भी पार्टी में रह सकते है लेकिन तेजस्वी यादव का नेतृत्व किसी भी हाल में स्वीकार नहीं होगा.'