Vande Bharat Train: रेलवे बोर्ड और क्षेत्रीय रेलवे के बीच इस पर बातचीत चल रही है. जैसे ही रेल मंत्रालय की मंजूरी मिलेगी, इस योजना को लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इन ट्रेनों के चलने से आरक्षित कोचों में वेटिंग और बिना टिकट वाले यात्रियों की भीड़ कम हो जाएगी.
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पटना : रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नई योजना बनाई है. इसके तहत एसी (वातानुकूलित), स्लीपर और जनरल कोच की अलग-अलग वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों के अलावा सामान्य एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने की योजना है. इस कदम से ट्रेनों में भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा और अलग-अलग श्रेणियों के यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा.
रेलवे के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे और अन्य जोनों में इस योजना का प्रस्ताव तैयार किया गया है. रेलवे बोर्ड और क्षेत्रीय रेलवे के बीच इस पर बातचीत चल रही है. जैसे ही रेल मंत्रालय इस योजना को मंजूरी देगा, इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इससे आरक्षित कोचों में वेटिंग और अनधिकृत यात्रियों की भीड़ कम हो जाएगी. जनरल कोचों में भी यात्रियों को आसानी से सीट मिल सकेगी. साथ ही आने वाले समय में वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों को भारतीय रेलवे के स्तर पर प्रमुखता दी जाएगी. पूर्वोत्तर रेलवे में गोरखपुर से दिल्ली, आगरा और वाराणसी के रास्ते प्रयागराज तक सात वंदे भारत और दो अमृत भारत ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव है. इसके अलावा 17 नई एक्सप्रेस ट्रेनों का भी प्रस्ताव तैयार है. इनमें एसी, स्लीपर और जनरल श्रेणियों की ट्रेनों की योजना है, जिससे सभी श्रेणी के कोच एक ही ट्रेन में नहीं होंगे.
बता दें कि हाल ही में रेल मंत्रालय ने अयोध्या-गोरखपुर के रास्ते आनंद विहार-दरभंगा अमृत भारत स्लीपर एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत की है. गोरखपुर से मुंबई के बीच दो अंत्योदय (जनरल) और गोरखपुर से आनंद विहार के बीच एसी कोच वाली हमसफर एक्सप्रेस पहले से चल रही है. इन ट्रेनों की सफलता के बाद रेलवे प्रशासन इसी प्रारूप में और ट्रेनों की योजना बना रहा है. इसके अलावा बता दें कि जल्द ही गोरखपुर से दिल्ली के बीच गुलाबी रंग की स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलने की संभावना है. रेलवे अधिकारियों के अनुसार 26 हजार करोड़ रुपये की लागत से हवाई जहाज जैसी सुविधाओं वाली 200 स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण किया जा रहा है. इसके अलावा रेलवे बोर्ड ने अगले दो वित्तीय वर्षों में 3200 और वंदे भारत कोच तैयार करने का लक्ष्य रखा है. इन कोचों से 2027 तक कम से कम आठ कोच वाली 400 से अधिक वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण हो जाएगा. इन ट्रेनों के कोच चेन्नई, कपूरथला और राय बरेली में बनाए जा रहे हैं.
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