बिहार अपनी मधुबनी पेंटिंग, महाबोधि मंदिर, नालंदा के खंडहर और राजगीर में मौजूद विश्व शांति स्तूप जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है. जिसमें से एक ककोलत जलप्रपात भी है.
ककोलत जलप्रपात, नवादा शहर से लगभग 33 किमी दूर मौजूद है. यह झरना पहाड़ और जंगल से घिरा खूबसूरत पर्यटन स्थल है. यह करीब 160 फीट की ऊंचाई से इस झरने का गिरता पानी काफी मनमोहक है.
यहां आप ट्रेन, बस, ऑटो या हवाई मार्ग के माध्यम से जा सकते हैं. यह बेहद खूबसूरत जगह है, जहां आने के 1 किलोमीटर पहले से ही आपको ठंड महसूस होने लगता है. यहां आने के बाद आपको ऐसा लगेगा कि आप बिहार के ही अंदर कश्मीर का मजा ले रहे हैं.
ककोलत झरना से जुड़ी लोकप्रिय कहानी भी है. कहा जाता है कि त्रेता युग में एक ऋषि ने एक राजा को अजगर बनकर यहीं रहने का श्राप दिया था. पांडवों की दृष्टि के बाद राजा को इस श्राप से मुक्ति मिली थी. तब से यह माना जाता है कि जो भी इस जलप्रपात में जो स्नान करता है, उसका पुनर्जन्म कभी भी सांप के रूप में नहीं होता है.
ककोलत को लेकर एक और कथा प्रचलित है. कहा जा है कि भगवान श्रीकृष्ण अपनी रानियों को लेकर स्नान करने यहीं ककोलत झरना आते थे.
ककोलत जलप्रपात अपनी सुंदरता और ऊंचाई से गिरते पानी की खूबसूरती के कारण एक आकर्षक पर्यटन स्थल है. इसे लोग “नियाग्रा ऑफ बिहार” के नाम से भी जानते हैं. लोग काफी दूर-दूर से यहां घूमने के लिए आते है.
यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक पिकनिक मनाने और ठंडे पानी में नहाने आते हैं. यह झरने की सुंदरता मन को मोह लेती है.