Blue Sapphire Gemstone: ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रहों में शनि ग्रह को बहुत ही प्रभावशाली ग्रह माना जाता है. रत्न शास्त्र के अनुसार, शनि ग्रह का संबंध नीलम से है. कुंडली में शनि के अशुभ भाव में बैठने पर जातकों को कष्ट मिलने लगते हैं. इसलिए हमेशा नीलम धारण करने से पहले उसके बारे में जान लेना और अपनी कुंडली ज्योतिष को दिखाना आवश्यक है, क्योंकि इसे पहनने से भारी नुकसान भी हो सकते हैं.
Blue Sapphire Gemstone: रत्न ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी प्रमुख 9 रत्नों में से नीलम को एक खास रत्न माना जाता है. इसका संबंध शनि ग्रह से है. कहा जाता है कि नीलम रत्न जिसे सूट कर गया तो उसे रंक से राजा बना देता है. वहीं जिन्हें सूट नहीं करता तो उन्हें राजा से रंक बनने में भी देर नहीं लगता है. इसलिए ज्योतिष की सलाह के बगैर इसे बिल्कुल भी धारण नहीं करना चाहिए.
ज्योतिष के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति के ऊपर शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रकोप हो तो उसे नीलम रत्न धारण करना चाहिए. इसके अलावा कुंभ और मकर राशि के जातकों के लिए भी नीलम रत्न पहनना शुभ होता है. यही नहीं अगर कुंडली में शनि शुभ भाव में भी हैं तो इसका शुभ प्रभाव बढ़ाने के लिए भी नीलम रत्न धारण किया जाता है.
नीलम आपको आसमान पर उठाता है तो खाक में भी मिला देता है. इसलिए किसी भी रत्न को धारण करने से पहले कुंडली को जरूर दिखा देना चाहिए. शनि ग्रह का सूर्य, चन्द्र, मंगल से युति अथवा दृष्टि संबंध होने पर व्यक्ति को नीलम धारण नहीं करना चाहिए.
नीलम रत्न को पंच धातु या फिर सोने की अंगूठी में धारण करना अच्छा माना जाता है. इसे धारण करने वाले दिन पूजा वाले स्थान में काले कपड़े के ऊपर रख दें. इसके बाद एक कटोरी में दूध और पानी लें और इसमें रत्न को डाल दें. इसके बाद शनि के मंत्र ऊँ प्राम् प्रीम् स, शनैश्चरा नम का 108 बार जाप करें. फिर अंगूठी को कटोरी से निकालकर गंगाजल से धोकर सीधे हाथ की मध्यमा अंगुली में पहन लें.
नीलम पहनने से व्यक्ति में दूरदृष्टि, कार्यकुशलता और ज्ञान की वृद्धि होती है. नीलम जातकों को सफलता दिलाने में भी मददगार साबित होता है, लेकिन इसे धारण करने से पहले अपनी कुंडली किसी अच्छे ज्योतिष को दिखाना न भूलें.
नीलम काफी प्रभावशाली रत्न होने के साथ-साथ नुकसानदायक भी होता है. नीलम रत्न को धारण करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह लेकर उचित किस्म का नीलम धारण करना चाहिए. नहीं तो रत्न के दुष्परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं.