Jharkhand Parasnath Hill: पारसनाथ पर्वत ना केवल झारखंड का सबसे ऊंचा पर्वत है. यहां साल भर ठंडी हवाएं चलती हैं. जो इसे और भी खास बनाती है. इसकी खूबसूरती को देखते हुए इसे झारखंड का स्वर्ग कहना गलत नहीं है.
पारसनाथ पहाड़ जिसे झारखंड का सबसे ऊंचा पहाड़ माना जाता है, इसे मिनी कश्मीर के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने यहां मोक्ष प्राप्त किया था. इसलिए इसे जैन धर्मावलंबियों के लिए बहुत पवित्र स्थल माना जाता है.
पारसनाथ पहाड़ झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित है और यह समुद्र तल से करीब 1365 मीटर की ऊंचाई पर है. इस पहाड़ पर चढ़ने और उतरने के लिए आपको लगभग 27 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.
जब आप पहाड़ पर चढ़ते हैं, तो एक ऐसा पल आता है. जब आपको ऐसा महसूस होता है कि आसमान और धरती मिल रहे हैं. यह दृश्य बेहद अद्भुत होता है. पहाड़ की ऊंचाई पर चढ़ने के बाद जो ठंडी हवा आपके पास से गुजरती है. वह आपको ऐसा एहसास देती है जैसै आपसे कुछ कहना चाहती हो.
पारसनाथ पहाड़ जैन धर्म के लोगों के लिए एक पवित्र स्थान है. इसलिए यहां मांस और मदिरा पर सख्त पाबंदी है. झारखंड सरकार ने इसे पर्यटन स्थल बनाने की कोशिश की थी. लेकिन देशभर में इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए.
जैन समाज का कहना था कि अगर इसे पर्यटन स्थल बना दिया गया. तो यहां होटल और पार्क बनने लगेंगे और लोग पिकनिक मनाने के लिए भी आने लगेंगे. इससे मांस-मदिरा का भी सेवन होने लगेगा. जो इस पवित्र स्थल के लिए ठीक नहीं है.
इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने इस जगह को पर्यटन स्थल बनाने का आदेश वापस ले लिया. जैन धर्म का मानना है कि यह स्थान केवल धार्मिक आस्था के लिए ही सुरक्षित रहना चाहिए, न कि मौज-मस्ती का अड्डा बनने के लिए.