Bihar Sand Mafia: बिहार में हर साल लाल बालू का काला कारोबार करोड़ों में होता है. बिहार में शराबबंदी के बाद बालू का कारोबार बिहार सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा साधन है. बिहार सरकार के द्वारा अवैध बालू खनन की घटनाओं को रोकने और बालू माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाए गए है, लेकिन इसके बावजूद सरकार राज्य में इस तरह ही घटनाओं पर रोक लगाने में नाकाम सी दिख रही है.
बीते वर्ष राज्य में बालू माफियाओं पर रोक लगाने और इस तरह के अवैध कारोबार को रोकने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग ने राज्य भर में 23 हजार छापेमारी की थी. जिसमें उन्होंने बालू से काला कारोबार करने वाले 2439 लोगों को गिरफ्तार किया था.
राज्य में छापेमारी के दौरान खान एवं भूतत्व विभाग ने बालू माफियाओं से करीब 300 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला था. इस छापेमारी के दौरान बालू के अवैध कारोबार के संबंध में कुल 4435 एफआईआर दर्ज हुई थी. साथ ही 20 हजार से ज्यादा वाहन भी जब्त किए गए थे.
बिहार में हर साल लाल बालू का काला कारोबार 10 हजार करोड़ रुपए का होता है. सरकार के द्वारा इतनी शक्ति अपनाने के बावजूद बालू के अवैध कारोबार पर रोक नहीं लग पाया है. सरकार इन माफियाओं को कंट्रोल करने में नाकाम रही है.
बिहार सरकार के सामने बालू माफियाओं पर लगाम लगाना, इस तरह की अवैध घटनाओं को रोकना एक बड़ी चुनौती के रूप में है. बालू के काले कारोबार को चलाने के लिए गैंगवार से लेकर पुलिस और खनन अधिकारियों पर अकसर हमले होते रहते हैं, उनकी हत्या तक कर दी जाती है.
बिहार में जहां एक तरफ शराबबंदी के बावजूद 20 से 25 हजार करोड़ रुपए के अवैध शराब की कारोबार हर साल होती है, वहीं दूसरी तरफ हजारों करोड़ के अवैध बालू कारोबार की भी चर्चा होती है.