Jharkhand Assembly: बगैर संशोधन के 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति बिल सदन से पास, CM ने कही ये बात
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Jharkhand Assembly: बगैर संशोधन के 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति बिल सदन से पास, CM ने कही ये बात

Jharkhand Assembly: बगैर संशोधन के 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति बिल सदन से पास हो गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्षी दलों ने इस विधेयक को पिछली बार समर्थन दिया था, लेकिन पिछले दरवाजे से व्ययधान डाले गए.

झारखंड न्यूज (File Photo)

Jharkhand Assembly: झारखंड विधानसभा में 20 दिसंबर, 2023 दिन बुधवार को भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 11 नवंबर 2022 को विधानसभा के विशेष सत्र में पारित ‘झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक 2022 को सदन में रखा. यह विधेयक 1932 खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति है.

1932 विधेयक पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों ने इस विधेयक को पिछली बार समर्थन दिया था, लेकिन पिछले दरवाजे से व्ययधान डाले गए. सीएम ने कहा कि राज्यपाल और अटॉर्नी जनरल ने जो तर्क दिये हैं, वो न्यायसंगत नहीं. उन्होंने कहा कि जो पुराने केस का उल्लेख किया गया है, उससे भी इस नीति और विधयेक का संबंध नहीं है. एडवोकेट जनरल से राय लेकर इस विधेयक को बनाया गया है इसलिए इसमें संशोधन की जरूरत नहीं है.

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नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी ने कहा कि राज्यपाल ने जो सुझाव दिये हैं, उस पर अमल करें, नहीं तो फिर से यह विधेयक कानूनी पेंच में फंस जायेगा. उन्होंने कहा कि नियोजन पूरी तरह से राज्य का विषय है, इसे केंद्र पर थोपा जाना सही नहीं है. इस विधेयक को आप फिर कानूनी पेंच में फंसा कर युवाओं को नौकरी नहीं देना चाहते हैं. 

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विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि 1932 झारखंडियों की आत्मा है और नवी अनुसूची में जाकर यह संरक्षित होगा. इसके लिए भारतीय जनता पार्टी हमारी मदद करेगी या इसके खिलाफ होगी यह स्थिति स्पष्ट करें. इसके बाद बीजेपी के कई विधायक व्हेल पर आ गए वह लगातार बाबूलाल मरांडी को मामले पर बोलने देने की मांग रख रहे थे और शोर शराबे के बीच झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने का विधेयक 2022 बिना संशोधन के पारित किया गया. 

रिपोर्ट: कामरान जलीली

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