Bihar Politics: मजबूरी भी-जरूरी भी, बेटे निशांत कुमार को लॉन्च करने की तैयारी में हैं CM नीतीश! जानें कैसे
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Bihar Politics: मजबूरी भी-जरूरी भी, बेटे निशांत कुमार को लॉन्च करने की तैयारी में हैं CM नीतीश! जानें कैसे

Nishant Kumar News: उम्र के इस पड़ाव में नीतीश कुमार के लिए सरकार और पार्टी दोनों को एक साथ संभालना मुश्किल हो गया है. सियासी जानकारों का मानना है कि लालू यादव के षड़यंत्रों से जेडीयू को बचाने के लिए नीतीश कुमार के सामने यही अंतिम विकल्प है.

बेटे निशांत के साथ नीतीश कुमार

Nishant Kumar Political Debut: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इकलौते बेटे निशांत कुमार एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. सीएम नीतीश कुमार हाल ही में अपने बेटे निशांत को लेकर हरियाणा गए थे. यहां निशांत ने अपनी सादगी से सभी को प्रभावित किया. जिसके बाद कुछ लोग उन्हें बिहार का भविष्य बताने लगे. बता दें कि निशांत कुमार अपने पिता सीएम नीतीश कुमार के साथ हरियाणा के रेवाड़ी शहर में एक तिलक समारोह में शामिल होने के लिए आए थे. हालांकि, राजनीतिक गलियारों में उनके पॉलिटिकल डेब्यू की अटकलें तेज हो गईं हैं. राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है कि नीतीश कुमार इस विधानसभा चुनाव में अपने बेटे को लॉन्च कर सकते हैं.

सियासी जानकारों का मानना है कि जेडीयू को बचाने के लिए अब नीतीश कुमार के सामने यही अंतिम विकल्प है. दरअसल, उम्र के इस पड़ाव में नीतीश कुमार के लिए सरकार और पार्टी दोनों को एक साथ संभालना मुश्किल हो गया है. यही वजह है कि उन्होंने जेडीयू की कमान संजय झा को सौंप रखी है. दूसरी ओर राजद में लालू यादव रणनीति तैयार करते हैं और तेजस्वी यादव उसको इंप्लीमेंट कराने के लिए मेहनत करते हैं. तेजस्वी को सीएम बनाने के लिए लालू की नजर नीतीश कुमार की पार्टी तोड़ने पर रहती है. लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने जेडीयू के कई नेताओं को अपने साथ मिला लिया था.

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अब विधानसभा चुनाव से पहले भी वह नीतीश कुमार को झटका देने की रणनीति तैयार कर रहे हैं. इसके संकेत भी दिखाई देने लगे हैं. नीतीश कुमार के करीबी नेता और बिहार सरकार में मंत्री मदन सहनी के तेवर बागियों वाले नजर आ रहे हैं. उन्होंने अपनी ही सरकार पर अफसरशाही हावी होने के आरोप लगाकर सीएम नीतीश को मुश्किल में डाल दिया है. मंत्री मदन सहनी के बयान को हथियार बनाकर विपक्ष मुख्यमंत्री पर हमलावर है.  

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अगर नीतीश ने अपने बेटे निशांत को राजनीति में उतार दिया तो तेजस्वी की राह कठिन हो सकती है. ऐसे में लालू यादव का जवाब नीतीश कुमार देते रहेंगे और तेजस्वी के युवा जोश की काट निशांत कुमार के पास होगी. तेजस्वी यादव 9वीं फेल हैं, जबकि निशांत अपने पिता की तरह इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल किए हुए हैं. इसका उन्हें लाभ भी मिलेगा. वैसे भी देश की ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टियां एक ही परिवार के इर्द-गिर्द चल रही हैं. बिहार में ही दिवंगत रामविलास पासवान और लालू यादव की पार्टियों को अब उनके बेटे चला रहे हैं. वहीं नीतीश कुमार ने अभी तक समाजवाद का झंडा बुलंद कर रखा है. उन्होंने हमेशा परिवारवाद का विरोध किया है और यही वजह है कि उन्होंने अभी तक अपने बेटे को राजनीति से दूर रखा है. हालांकि, नीतीश कुमार अगर ऐसा करते हैं तो परिवारवाद के खिलाफ उनके हमले की धार कुंद हो जाएगी. दूसरी ओर, भाजपा भी असहज हो सकती है, क्योंकि लालू परिवार के खिलाफ भाजपा परिवारवाद का आरोप लगाती रहती है.

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