Jharkhand News: प्रसव के बाद उचित इलाज नहीं मिलने के कारण बच्चे को जन्म देने वाली माँ की 24 घंटे के अन्दर मौत भी हो गई. इस मामले में आनंदपुर अस्पताल की एक नर्स, एक सहिया और गर्भ का सौदा करने वाली एक महिला अब जांच के घेरे में है.
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Jharkhand News: पश्चिम सिंहभूम के मनोहरपुर में एक बिन ब्याही माँ की कोख में पल रहे बच्चे की गर्भावस्था में ही 50 हजार रुपये में सौदा कर लिए जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. प्रसव के बाद उचित इलाज नहीं मिलने के कारण बच्चे को जन्म देने वाली माँ की 24 घंटे के अन्दर मौत भी हो गई. इस मामले में आनंदपुर अस्पताल की एक नर्स, एक सहिया और गर्भ का सौदा करने वाली एक महिला अब जांच के घेरे में है. पश्चिम सिंहभूम जिले के तुरी टोला में किराए के मकान में कुछ महीने से गुपचुप रह रही 20 साल की एक अविवाहित युवती ने एक बच्चे को जन्म दिया. प्रसव के 24 घंटे में ही महिला की मौत हो गयी. मौत के बाद इस पूरी घटना के पीछे चल रही कोख की खरीद फरोख्त का घिनौना सच सामने आ गया है.
बताया जा रहा है कि युवती मजदूरी करने के लिए चेन्नई गई थी और वहीं पर किसी से शारीरिक संबंध स्थापित होने के बाद से वह गर्भवती हो गई. कुछ माह पहले चेन्नई से वापस आ गई और दो महीने से मनोहरपुर के तूरी टोला में सहिया और बच्चे को गोद लेनेवाली मनोहरपुर निवासी एक महिला की देखरेख में किराए के एक मकान में रह रही थी.
शनिवार रात 8 बजे प्रसव पीड़ा होने पर सहिया ने युवती को अस्पताल ले जाने के बजाय आनंदपुर की एक नर्स के जरिए किराए के मकान में ही प्रसव करवा दिया. नर्स का कहना है कि सहिया ने बताया था कि महिला अस्पताल ले जाने लायक नहीं है, जिसके कारण उसने घर जाकर प्रसव करने में मदद की. हालांकि उसने प्रसव के बाद सहिया को जच्चा बच्चा को मनोहरपुर अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी थी लेकिन सहिया ने ऐसा नहीं किया.
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प्रसव के बाद रविवार शाम युवती की स्थिति बिगड़ गयी. फिर सहिया उसे मनोहरपुर सरकारी अस्पताल ले गई. वहां डॉक्टर ने शाम 6 बजे युवती को मृत घोषित कर दिया. उसके बाद सहिया मृतका की लाश को किराए के उसी मकान में ले गई और बाहर से ताला बंद कर दिया. इस बात की भनक मनोहरपुर पंचायत समिति सदस्य खुशबू गुप्ता और उप मुखिया परितोष यादव को लग गई, जिसके बाद लोगों ने हंगामा मचाया और पूरा मामला परत दर परत खुल गया.
जिस महिला ने बच्चे को गोद लिया, वह पकड़ ली गई है. उसका कहना था कि यह उसका बच्चा नहीं है. वह किसी बच्चे को गोद लेने की चाह में सहिया के संपर्क में आई थी. उसे सहिया ने कहा था कि युवती की डिलीवरी आदि का खर्च वहन कर लेगी तो बच्चा दिला देंगे. बच्चे को गोद लेने की चाह में वह गर्भवती का खर्च भेज दिया करती थी. पूरा सौदा 50 हजार में हुआ था. उसने बताया कि वह युवती को 3-4 महीने से ही जानती थी. इधर सहिया ने कोख का सौदा करने के आरोप को झूठा बताया है.
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वहीं सरकारी अस्पताल के वरीय अधिकारीयों ने मामले को गंभीरता से लिया है. पूरे मामले की जांच पश्चिम सिंहभूम के सीएस के द्वारा गठित एक टीम करेगी. इधर बच्चे को जन्म देने वाली युवती के शव को पोस्टमार्टम के लिए चक्रधरपुर भेज दिया गया है. युवती के परिजन भी मनोहरपुर पहुंच गए हैं और उनका कहना है कि युवती काम के लिए चेन्नई गई थी. वह मनोहरपुर में कैसे और कब से रह रही है, इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है.