'CM हाउस में घुसना चाहते थे CRPF के 500 जवान', JMM का बड़ा आरोप
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'CM हाउस में घुसना चाहते थे CRPF के 500 जवान', JMM का बड़ा आरोप

Jharkhand News: बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि सीएम से ईडी की पूछताछ के दौरान झामुमो ने रांची में अराजक स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश की. ऐसा लग रहा था कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अपने कार्यकर्ताओं से हिंसा तक करवा देगा. 

झारखंड न्यूज (File Photo)

Jharkhand News: झारखंड में सीएमओ के इलाके में सीआरपीएफ की एंट्री पर सियासत गरमा गई है. जेएमएम ने सीआरपीएफ (CRPF) पर बड़ा आरोप गया है. जेएमएम (JMM) ने प्रेस रिलीज जारी कर सीआरपीएफ (CRPF) पर आरोप लगाया कि उनकी (CRPF) राज्य में राष्ट्रपति शासन की साजिश थी! दर्सल, 20 जनवरी, 2024 को सीएम हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ के दौरान सीएम आवास के पास भारी तादाद में सीआरपीएफ जवानों के पहुंचने की घटना पर विवाद खड़ा हो गया है. सीएमओ ने राज्य सरकार के गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय से पूछा है कि सीएमओ के पास प्रतिबंधित इलाके में 20 जनवरी को सीआरपीएफ जवानों की एंट्री कैसे हुई थी?

जेएमएम (JMM) के अनुसार, जब सीएम हाउस में हेमंत सोरेन से ईडी (ED) पूछताछ कर रही थी, तब 500 की संख्या में सीआरपीएफ (CRPF) के जवान सीएम हाउस में घुसना चाहते थे. वह चाहते थे कि झामुमो कार्यकर्ता और सीआरपीएफ (CRPF) के जवान आमने-सामने हो जाएं और विधि व्यवस्था की स्थिति खराब हो जाए. जेएमएम (JMM) ने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है.

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बीजेपी ने भी इस मामले को लेकर झामुमो पर पलटवार किया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि सीएम से ईडी की पूछताछ के दौरान झामुमो ने रांची में अराजक स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश की. ऐसा लग रहा था कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अपने कार्यकर्ताओं से हिंसा तक करवा देगा. धारा 144 लगी होने के बावजूद झामुमो के 10 हजार कार्यकर्ता हथियार लेकर सीएम हाउस के पास पहुंच गए. इन कार्यकर्ताओं के जरिए क्या देश की न्यायिक व्यवस्था, न्यायाधीशों, केंद्रीय एजेंसियां, देश की संवैधानिक व्यवस्था को डराने की कोशिश थी?

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भारतीय जनता पार्टी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी को हर वक्त क्यों पेट में दर्द होता है? ऐसा लगता है कि वह बीजेपी का प्रवक्ता काम है और प्रवर्तन निदेशालय के प्रवक्ता सीआरपीएफ के प्रवक्ता ज़्यादा. राजेश ठाकुर ने कहा कि हर बात पर बोलना जरूरी नहीं होता है हम समझते हैं कि लोगों ने ठीक कहा है कि जिस तरीके से माहौल था उसमें अगर जिला प्रशासन चाहती है तो सीआरपीएफ का सहयोग लेती है. यह नई बात नहीं है और अगर नहीं चाहती है तो नहीं लेती है. उन्होंने कहा कि दहशत का माहौल अगर कोई बनाना चाहेगा तो निश्चित रूप से उसकी चर्चा होगी और जो परसों माहौल बिगड़ने की कोशिश की गई थी. वह इस तरीके की थी कि लोगों को भड़काना का एक फार्मूला तय किया गया था.

रिपोर्ट: कामरान जलीली

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