Lok Sabha Election 2024 Muzaffarpur Seat: 11 विधानसभा वाला मुजफ्फरपुर जिला जहां की जनता वैशाली और मुजफ्फरपुर दोनों के उम्मीदवारों के भाग्य का करती है फैसला
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Lok Sabha Election 2024 Muzaffarpur Seat: 11 विधानसभा वाला मुजफ्फरपुर जिला जहां की जनता वैशाली और मुजफ्फरपुर दोनों के उम्मीदवारों के भाग्य का करती है फैसला

11 विधानसभा क्षेत्र वाला बिहार का यह वृहत जिला मुजफ्फरपुर जिसके 5 विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर एक और लोकसभा क्षेत्र वैशाली बनता है और दूसरा मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र.

(फाइल फोटो)

Lok Sabha Election 2024 Muzaffarpur Seat: 11 विधानसभा क्षेत्र वाला बिहार का यह वृहत जिला मुजफ्फरपुर जिसके 5 विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर एक और लोकसभा क्षेत्र वैशाली बनता है और दूसरा मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र. मतलब जिले की वृहतता का अंदाजा इस बात से लगाइए की यहां की विधानसभा से दो लकसभा सीटों का गठन किया गया है. मुजफ्फरपुर का मीनापुर, कांटी , बरूराज, पारू और साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र वैशाली लोकसभा के अंतर्गत आते हैं. 

बता दें कि इस सीट पर आपातकाल के पहले तक कांग्रेस का दबदबा रहा है. मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर आपातकाल के बाद हुए 1977 और 1980 के चुनाव में जॉर्ज फर्नाडिस ने कांग्रेस के किला को ध्वस्त कर दिया और वह 1989 और 1991 में भी यहीं से जीतकर संसद पहुंचे. यह सीट लंबे समय से एनडीए के प्रभाव में रहा है. मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत गायघाट, औराई, बोचहां, सकरा, कुरहनी, मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट आती है. 2014 और 2019 दोनों ही चुनाव में यहां से भाजपा के अजय निषाद ने जीत दर्ज की है. 

यहां का जातीय समीकरण देखें तो सवर्ण मतदाता सबसे बड़ी संख्या में हैं इसके बाद यादव, मुस्लिम और वैश्य मतदाता का नंबर आता है. इस सीट पर अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटरों की भी अच्छी खासी संख्या रही है ऐसे में इनका यहां की चुनावी राजनीति पर अच्छा खास प्रभाव रहा है. यहां के लोगों को इस बात से हमेशा दिक्कत रही है कि उन्हें स्मार्ट सिटी का ख्वाब दिखाकर परेशानी में जीने को छोड़ दिया गया है. यहां के सड़कों की हालत जर्जर है और जाम की समस्या तो मानो यहां के लिए काल ही है.  

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यहां की लीची को बाजार उपलब्धता की कमी है तो वहीं यहां का लहठी उद्योग भी बिना किसी संरक्षण की वजह से दम तोड़ रहा है. यहां शिक्षा व्यवस्था भी भगवान भरोसे है. ऐसे में यहां के मतदाताओं के लिए यह निश्चित करने में कढिनाई होती रहती है कि आखिर वह क्या सोचकर किसी उम्मीदवार के पक्ष में वोट दें. यहां का राजनीतिक समीकरण भी ऐसा रहा है कि यहां लगातार विधानसभा सीटों पर फेरबदल देखने को मिलता है. इस सब के बीच वैशाली के अजय निषाद यानी बाहरी उम्मीदवार ने प्रधानमंत्री के काम के नाम पर यहां से दो बार जीत दर्ज कर ली है. एक बार वह मोदी लहर में यहां से चुनकर आ गए और दूसरी बार मोदी के काम पर उनको मतदाताओं का आशीर्वाद मिल गया. 

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