Jharkhand Chunav Result 2024: मतगणना की प्रक्रिया में सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती की जाती है जिसे रिटर्निंग ऑफिसर की निगरानी में किया जाता है. इसके आधे घंटे के बाद ईवीएम के वोटों की गिनती शुरू होती है.
झारखंड चुनाव का रिजल्ट आने में अब महज कुछ ही घंटे बाकी हैं. उम्मीदवारों की किस्मत जिस ईवीएम (EVM) में बंद है, वो कड़ी सुरक्षा घेरे के बीच स्ट्रांग रूम में बंद हैं.
स्ट्रांग रूम का ताला कौन खोलता है? मतगणना होती कैसे है? वोटों की गिनती कौन करता है? मतगणना कक्ष के अंदर कौन-कौन जा सकता है और काउंटिंग के बाद EVM का क्या होता है?
इन सारे सवालों का जवाब हम आपको देने जा रहे हैं. इसके लिए आपको इस खबर में अंत तक बने रहना होगा.
चुनाव आयोग के नियमानुसार, मतगणना के दिन सुबह 7 बजे के करीब सभी उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम का ताला खोला जाता है और वोटों की गिनती शुरू होती है.
रिटर्निंग ऑफिसर और चुनाव आयोग के स्पेशल ऑब्जर्वर की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम का ताला खुलता है. इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाती है.
मतगणना के लिए EVM को काउंटिंग टेबल पर लाया जाता है. इसके बाद हर एक कंट्रोल यूनिट की यूनिक आईडी और सील का मिलान किया जाता है. पोलिंग एजेंट को भी दिखाया जाता है.
हर एक मतगणना केंद्र के एक हॉल में कुल 15 टेबल लगी होती है. इसमें 14 टेबल काउंटिंग के लिए और एक टेबल रिटर्निंग ऑफिसर के लिए होती है.
कंट्रोल यूनिट में एक बटन दबाने के बाद हर उम्मीदवार का वोट EVM में उसके नाम के आगे दिखने लगता है.
मतगणना केंद्र के अंदर मतगणना कर्मचारी, रिटर्निंग ऑफिसर, सुरक्षा कर्मी और एजेंट ही जा सकते हैं.
ड्यूटी पर तैनात लोगों के आलावा कोई भी मोबाइल अंदर नहीं ले सकता है. मतगणना पूरी होने के बाद ईवीएम को दोबारा स्ट्रांग रूम में रख दिया जाता है.
नियम के मुताबिक काउंटिंग के 45 दिनों तक ईवीएम को स्ट्रांग में रूम में ही रखना होता है, क्योंकि कोई भी उम्मीदवार रिकाउंटिंग की मांग करता है.
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