Bihar Monsoon: बारिश नहीं होने से और तपती धूप के कारण खेतों में लगी धान की फसल जल रही है. खेतों में दरारें पड़ने लगी है.
Trending Photos
सहरसा: बिहार में इस बार बारिश कम होने की वजह से धान की रोपनी काफी प्रभावित हुई है. जिसके चलते राज्य के कई जिलों में औसत से कम धान की रोपनी हुई है. मानसून बीत जाने के बावजूद प्रयाप्त बारिश नहीं होने से सहरसा जिले के किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है. किसानों के बीच मायूसी छाई हुई है. इसके अलावा बारिश कम होने के चलते किसानों द्वारा लगाए गए धान की फसल को बचाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है.
खेतों में पड़ने लगी दरार
ऐसी संभावना जा रही थी कि इस बार अच्छी बारिश होगी, जिससे किसान धान की खेती अच्छी तरह से कर पाएंगे, लेकिन सही समय पर प्रयाप्त बारिश होने से अब खेतों में दरारें भी पड़ने लगी है. इन सबके बीच जिन किसानों ने हल्की बारिश के बाद अपने खेतों में धान की रोपनी तो कर दी थी, लेकिन पानी की कमी के कारण अब उन खेतों में दरार पड़ने लगी है. किसान जैसे तैसे पंप सेटों से खेतों का पटवन कर धान की फसलों को बचाने में लगे हैं. वहीं अन्य किसान हजारों रुपये देकर भाड़े के पंपसेट से अपने खेतों को सींचने में लगे हैं.
ये भी पढ़ें- Bihar Monsoon: शेखपुरा में औसत से कम बारिश, महज 57 प्रतिशत हुई धान की रोपनी
पम्प सेट से कर रहे हैं पटवन
वहीं पहले से ही चिंतित किसानों की रही सही कसर यूरिया खाद की किल्लत ने पूरी कर दी है. खेत पटवन कर रहे इन किसानों का कहना है इस बार पर्याप्त बारिश नहीं होने से और तपती धूप के कारण खेतों में लगी धान की फसल जल रही है. खेतों में दरारें पड़ने लगी है. हजारों रुपये खर्च कर वो पम्प सेट से पटवन कर रहे हैं ऐसे में कैसे उनका गुजारा होगा. किसानों की सरकार से मांग है कि उन्हें इसके लिए विशेष अनुदान दिया जाय. किसान लगातार जिले को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग कर रहे हैं. ताकि सरकार की ओर से किसानों से कुछ विशेष मिल सके.