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Purnia: बिहार के पूर्णिया जिले में दवा की एक दुकान से बुधवार को 'टोके गेको' प्रजाति की एक दुर्लभ छिपकली और नशीला कफ सीरप जब्त किया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी. कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार सरोज ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर बैसी संभाग के एक स्टोर पर छापेमारी की गई और सामान जब्त किया गया.
पुलिस ने दी जानकरी
उन्होंने कहा, 'दुकान का मालिक मौके से फरार होने में सफल रहा. इस मामले में एक कथित तस्कर और उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने हालांकि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान उजागर करने से मना कर दिया. अधिकारी ने कहा,छिपकली की कीमत लगभग 1.5 करोड़ रुपए बताई जा रही है. इसकी सूचना वन अधिकारियों को दी गई. वन विभाग संदिग्ध तस्करों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू करेगा."
टोके गेको को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची तीन में अत्यधिक लुप्तप्राय सूची में रखा गया है. बताया जा रहा है कि इस छिपकली के मांस से नपुंसकता, डायबिटीज, एड्स और कैंसर की परंपरागत दवाएं बनाई जाती हैं. इसका उपयोग मर्दानगी बढ़ाने के लिए भी किया जाता है. यह छिपकली दक्षिण-पूर्व एशिया, बिहार, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत, फिलीपींस तथा नेपाल में पाई जाती हैं. जंगलों की लगातार कटाई होने के कारण इस प्रजाति की छिपकली खत्म होती जा रही है.
बैसी के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) आदित्य कुमार ने बताया कि संदेह है कि आरोपी पश्चिम बंगाल से छिपकली लाए थे और वे इसे दिल्ली ले जाने की योजना बना रहे थे. उन्होंने कहा कि जब्त किए गए कफ सिरफ में नशीला प्रतिबंधित पदार्थ कोडीन मिला हुआ था.
(इनपुट: भाषा)