Jehanabad News: मामला परस बिगहा थाना क्षेत्र के कोसडीहरा गांव है. सजा सुनाने के बाद पिता सुधीर कुमार और उसके पुत्र बिट्टू कुमार को जेल भेज दिया गया है. बताया जाता है कि दोनों अभियुक्तों का चरित्र आपराधिक रहा है और पूर्व में भी इन दोनों ने गांव में कई कारनामे की है. इस संबंध में सरकार की ओर से मामले में पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजक बिंदु भूषण प्रसाद ने बताया कि दोनों मामला परसबिगहा थाना के कोसडीहरा गांव का है.
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जहानाबाद: जहानाबाद व्यवहार न्यायालय में अनोखा मंजर देखने को मिला है. यहां अपर जिला और सत्र न्यायाधीश द्वितीय जावेद अहमद खान की अदालत ने दोहरे हत्याकांड के मामले में सुनवाई करते हुए पिता और पुत्र को दोषी करार दे दिया. आजीवन कारावास के साथ दोनों आरोपियों को 25-25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. सजा सुनाने के बाद पीड़िता की आंखे छलक गई और अपर लोक अभियोजक के कोर्ट परिसर में राखी बांधी. इस दौरान पीड़िता ने कोर्ट के मुख्य द्वार पर आरोपी की तस्वीर जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया.
मामला परस बिगहा थाना क्षेत्र के कोसडीहरा गांव है. सजा सुनाने के बाद पिता सुधीर कुमार और उसके पुत्र बिट्टू कुमार को जेल भेज दिया गया है. बताया जाता है कि दोनों अभियुक्तों का चरित्र आपराधिक रहा है और पूर्व में भी इन दोनों ने गांव में कई कारनामे की है. इस संबंध में सरकार की ओर से मामले में पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजक बिंदु भूषण प्रसाद ने बताया कि दोनों मामला परसबिगहा थाना के कोसडीहरा गांव का है. जहां आपसी विवाद में वर्ष 2019 में घात लगाकर पहले अमरेंद्र कुमार को सरेराह गोली मारकर हत्या कर दिया था. बताते चले कि अमरेंद्र हत्याकांड मामले में अभियुक्त बिट्टू कुमार को जुवेनाइल घोषित किया गया था. जो कुछ दिनों बाद अभियुक्त बिट्टू कुमार बाल गृह से भाग कर अमरेंद्र हत्याकांड के गवाह रहे बड़े भाई अरविंद कुमार को मुक़दमे में समझौता करने और मुकदमा वापस लेने की धमकी देने लगा. अंततः अभियुक्त बिट्टू कुमार साजिश रच कर अन्य अभियुक्तों के साथ के 13 नवंबर 2022 को अरविंद शर्मा कि दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी था.
सुचिका प्रतिमा देवी द्वारा परसबिगहा थाना में दोनों अभियुक्तों को नामजद करते हुए अन्य चार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया. इन दोनों मुकदमों में अपर जिला और सत्र न्यायाधीश द्वितीय जावेद अहमद खान की अदालत ने गवाहों की गवाही के मद्देनजर रखते हुए दोनों मामले में सुनवाई करते हुए भारतीय दंड विधि की धारा 302 एवं 27 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत अभियुक्त सुधीर कुमार और उसके पुत्र बिट्टू कुमार उर्फ बालाजी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वही सबूतों के अभाव में अन्य अभियुक्त जयंती देवी, रुचि कुमारी, रेणु देवी और अप्राथमिकी अभियुक्त अमन कुमार उर्फ रोहित को न्यायालय द्वारा रिहा कर दिया गया. इधर सजा आने के बाद पीड़िता ने बताया कि वह इस सजा से संतुष्ट नही है वह अपने पति और भैसुर को न्याय दिलाने और आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने की बात कही है.
इनपुट- मुकेश कुमार
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