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Ranchi:झारखंड उच्च न्यायालय ने रामगढ़ विधनसभा सीट से पूर्व में विधायक रहीं ममता देवी को बुधवार को एक आपराधिक मामले में जमानत दे दी,जिसके बाद वो आज या कल में रिहा हो सकती हैं. हजारीबाग की जिला अदालत ने निजी औद्योगिक इकाई के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए उकसाने के मामले में उन्हें दोषी करार देते हुए पिछले साल 12 दिसंबर को पांच साल कैद की सुनाई थी जिसके बाद उन्हें विधानसभा की सदस्यता से उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया.
जाने क्या है पूरा मामला
न्यायमूर्ति नवनीत कुमार की पीठ ने ममता देवी को बुधवार को ममता देवी की जमानत अर्जी मंजूर की. कांग्रेस नेता को पूर्व में जमानत पर रिहा किया गया था लेकिन पिछले साल आठ दिसंबर को उन्हें दोबारा जेल भेज दिया गया था. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में एक निजी औद्योगिक इकाई द्वारा भूमि अधिग्रहण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने गोलीबारी की थी जिसपर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की. इस घटना में दो लोग मारे गए थे .
प्राथमिकी के मुताबिक देवी ने भूमि अधिग्रहण को लेकर कंपनी के खिलाफ 160 ग्रामीणों के हिंसक प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. इस मामले में देवी के खिलाफ भीड़ को उकसाने और पुलिस के काम को बाधित करने का मामला दर्ज किया गया था. देवी को अयोग्य करार दिए जाने के बाद रिक्त हुए रामगढ़ सीट पर कराए गए उप चुनाव में ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन की सुनीता चौधरी विजयी हुई थीं.
पति को मिली थी हार
सजा मिलने के बाद ममता देवी की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी. उनकी सीट खाली होने पर 2023 में रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव का आयोजन हुआ था. इन चुनावों में एनडीए की प्रत्याशी सुनीता चौधरी ने जीत हासिल की थी. उन्होंने यूपीए के प्रत्याशी ममता देवी के पति बजरंग महतो को हराया था.
(इनपुट भाषा के साथ)