Chhath Puja 2024: कब है छठ पूजा? कैसे सूर्य देव और छठी मैया की आराधना से मिलती है समृद्धि
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Chhath Puja 2024: कब है छठ पूजा? कैसे सूर्य देव और छठी मैया की आराधना से मिलती है समृद्धि

Chhath Puja 2024: छठ पूजा 2024 में कार्तिक माह की षष्ठी तिथि 7 नवंबर को सुबह 12 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी और 8 नवंबर को सुबह 12 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी. इस दिन व्रति महिलाएं शाम को सूर्य देव को अर्घ्य देंगी.

Chhath Puja 2024: कब है छठ पूजा? कैसे सूर्य देव और छठी मैया की आराधना से मिलती है समृद्धि

Chhath Puja 2024 Date Kab Hai in Bihar: छठ पूजा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर सप्तमी तक मनाया जाता है. यह मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में मनाया जाता है. इस पर्व का आयोजन महिलाएं अपने घर की खुशहाली और संतान की लंबी उम्र के लिए करती हैं. छठ पूजा को सूर्य षष्ठी, छठी और डाला छठ जैसे नामों से भी जाना जाता है. इस दौरान सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है.

आचार्य मदन मोहन के अनुसार इस वर्ष छठ पूजा के आयोजन में कुछ कन्फ्यूजन हो रहा है. इसलिए, यहां हम नहाय खाय से लेकर खरना तक की सही तिथियों के बारे में बताएंगे.

छठ पूजा की तिथियां
छठ पूजा 2024 में कार्तिक माह की षष्ठी तिथि 7 नवंबर को सुबह 12 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी और 8 नवंबर को सुबह 12 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी. इस दिन व्रती लोग शाम को सूर्य को अर्घ्य देंगी.

छठ पूजा का पूरा कैलेंडर

  • नहाय खाय: 5 नवंबर 2024 (मंगलवार)
  • खरना: 6 नवंबर 2024 (बुधवार)
  • संध्या अर्घ्य: 7 नवंबर 2024 (गुरुवार)
  • उषा अर्घ्य: 8 नवंबर 2024 (शुक्रवार)

नहाय खाय 2024: छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय कहलाता है. यह कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है. इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 39 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 5 बजकर 41 मिनट पर होगा.

खरना 2024: दूसरे दिन खरना मनाया जाता है, जो कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आता है. इस दिन छठी माता के लिए विशेष भोग तैयार किया जाता है और शाम को खीर खाई जाती है. इस साल खरना 6 नवंबर, बुधवार को है.

संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य: तीसरे दिन, संध्या अर्घ्य के दौरान व्रती सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं. इस दिन बांस के सूप में फल, गन्ना, चावल के लड्डू और ठेकुआ आदि रखकर नदी किनारे पूजा की जाती है. सूर्यास्त का समय शाम 5:29 बजे है. चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इस दिन सूर्योदय सुबह 6:37 बजे होगा.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी की सटीकता की कोई गारंटी नहीं है. यह जानकारी विभिन्न स्रोतों से प्राप्त की गई है. किसी भी प्रकार की सलाह या उपयोग के लिए संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श करना आवश्यक है.

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