समस्तीपुर: हाल के दिनों में लगातार हो रहे रेल हादसों को लेकर आम लोगों ने सरकार और रेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. भारतीय रेल, जो देश की सबसे बड़ी संस्थान है, यात्री सुरक्षा और सुविधा पर भारी राशि खर्च करने के बावजूद, दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने में असफल रही है. हाल ही में, बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन खुदीराम बोस पूसा स्टेशन के पास दो हिस्सों में बंट गई, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया. वहीं, झारखंड के चक्रधरपुर में हावड़ा-मुंबई मेल ट्रेन के डिरेल होने की घटना ने भी लोगों को झकझोर दिया है. लोगों का कहना है कि रेल प्रशासन पुराने हादसों से सबक नहीं ले रहा है और कर्मियों की भारी कमी है. सेवानिवृत्त कर्मियों की जगह नए कर्मियों की भर्ती नहीं हो रही है, जिससे कर्मचारी तीन-तीन शिफ्टों में काम करने को मजबूर हैं. समस्तीपुर स्टेशन पर लोगों ने संवाददाता संजीव नैपुरी से अपनी चिंताएं साझा कीं.