देवघर में शिव पार्वती विवाह महोत्सव की दूसरी प्रक्रिया पूरी हो गयी है. पौराणिक परंपराओं के अनुसार आज देवघर के बाबा मंदिर में सभी 22 मंदिरों के पंचशूल की वैदिक रीति-रिवाज से पूजा की गई. अधिकारी और सरदार पंडा की मौजूदगी में करीब 2 से 3 घंटे की पूजा के बाद एक-एक कर सभी मंदिरों में पंचशूल को पुन: स्थापित किया गया. सबसे पहले बाबा मंदिर और पार्वती मंदिर के गुंबदों पर पंचशूल स्थापित किया गया. बाबा मंदिर दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां त्रिशूल की जगह पंचशूल स्थापित है. शिवरात्रि से 2 दिन पहले इसे विधि-विधान के साथ उतारा जाता है और शिवरात्रि से 1 दिन पहले इसे दोबारा गुंबद पर स्थापित किया जाता है.