केवल 38 मिनट का युद्ध, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे
Sunil MIshra
Sep 27, 2024
हिंदमहासागर के फिरोजा पानी में एक द्वीपसमूह है, जिसका नाम जांजीबार है. यह आकार में पेम्बा द्वीप से छोटा माना जाता है.
1498 में आए थे वॉस्को दा गामा
1498 में पुर्तगाली खोजी वाक्को दा गामा जांजीबार पर कदम रखने वाले पहले यूरोपीय बने थे. कुछ ही समय में यह पुर्तगाल का हिस्सा बन गया था.
क्या आपको पता है?
दुनिया में वर्षों तक चलने वाले युद्ध तो बहुत हुए हैं लेकिन केवल 38 मिनट में भी कोई युद्ध खत्म हो सकता है, शायद आपको इस बात की जानकारी नहीं होगी. लेकिन ऐसा हुआ है.
दुनिया की सबसे छोटी लड़ाई
आपको जानकार आश्चर्य होगा कि केवल 38 मिनट में ही दुश्मनों ने घुटने टेक दिए थे और इसलिए यह दुनिया का सबसे छोटा युद्ध माना जाता है. यह लड़ाई इंग्लैंड और जांजीबार के बीच हुई थी.
जांजीबार पर इंग्लैंड का कब्जा
दरअसल, 1890 में जांजीबार ने ब्रिटेन और जर्मनी के बीच एक संधि पर साइन किए थे, जिस कारण जांजीबार पर ब्रिटेन का अधिपत्य हो गया था.
हमद बिन थुवैनी को जिम्मा
इसके बाद ब्रिटेन ने जांजीबार की देखरेख का जिम्मा हमद बिन थुवैनी को सौंप दिया था और उसने खुद को सुल्तान घोषित कर दिया था.
खालिद बिन बर्घाश ने गद्दी संभाली
25 अगस्त, 1896 को थुवैनी की मौत हो गई तो उसके भतीजे खालिद बिन बर्घाश ने खुद को वहां का सुल्तान घोषित कर लिया था.
बर्घाश ने नहीं माना आदेश
बर्घाश का ऐसा करना ब्रिटेन को नागवार गुजरा और उसने बर्घाश को सुल्तान पद छोड़ने का आदेश जारी कर दिया, लेकिन बर्घाश ने ऐसा करने से मना कर दिया था.
ब्रिटेन ने बोल दिया धावा
अब ब्रिटेन के पास केवल युद्ध का रास्ता बचा था और उसने पूरी तैयारी के साथ 27 अगस्त 1896 को जांजीबार पर धावा बोल दिया था.
38 मिनट में ही युद्ध समाप्ति का ऐलान
जांजीबार के महल पर बमबारी कर उसे नष्ट कर दिया गया था. केवल 38 मिनट युद्ध को हुए थे कि युद्ध समाप्ति की घोषणा कर दी गई थी.