Real Shaligram: असली शालिग्राम शिला कहां पाई जाती है, शालिग्राम की पूजा करने का क्या है सही ढंग?
Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Nov 24, 2024
सबसे पवित्र शिला
शालिग्राम भगवान विष्णु के ही एक रूप है. जिसे वैष्णव द्वारा पूजे जाने वाली सबसे पवित्र शिला के रूप में माना जाता है. शालिग्राम की पूजा करना शिवलंग की लिंग की पूजा करने के समान माना जाता है.
पूजा सही ढंग
चलिए हम आपको बताते हैं कि असली शालिग्राम शिला कहां पाई जाती हैं और शालिग्राम की पूजा करने का सही ढंग क्या है.
गंडक नदी
असली शालिग्राम शिला, नेपाल की पवित्र नदी गंडक के तट पर पाई जाती है. जो प्रकृति की एक अनूठी रचना है. शालिग्राम पत्थरों पर प्राकृतिक रूप से बनी आकृतियां स्पष्ट और सुसंगत होती हैं.
अखंड सौभाग्य
शालिग्राम तीन प्रकार के होते हैं- स्वयंभू, पंचलोहा और पारद शालिग्राम. शालिग्राम की पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
प्राण प्रतिष्ठा
शालिग्राम को स्वयंभू माना जाता है, इसलिए इनकी प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत नहीं होती है. लोग शालिग्राम को अपने पूजा घर या मंदिर में रख सकते हैं. एक घर में एक ही शालिग्राम होना चाहिए.
जल और पंचामृत
जो लोग अपने घर के मंदिर में शालिग्राम शिला को रखते हैं. उन्हें प्रतिदिन शालिग्राम को जल और पंचामृत से स्नान कराना चाहिए. उन्हें चंदन अर्पित करना चाहिए.
तुलसी दल
शालिग्राम शिला की पूजा करने के दौरान उन्हें पांच फल और ऋतु फल अर्पित करना चाहिए. इसके साथ ही तुलसी दल जरूर से अर्पित करना चाहिए.
सात्विक का प्रतीक
शालिग्राम को सात्विक का प्रतीक माना जाता है. शालिग्राम शीला के करीब 33 प्रकार होते हैं. इनमें से 24 प्रकार के शालिग्राम को भगवान विष्णु के 24 अवतारों से संबंधित माना जाता है.
विधिपूर्वक पूजा
प्रतिदिन शालिग्राम की विधिपूर्वक पूजा करने से घर में हमेशा भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती हैं. लोगों को कई तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है.
साफ-सफाई
माना जाता है कि शालिग्राम को खुद ही अपनी मेहनत के पैसे से खरीदना चाहिए. इसके साथ ही इन्हें घर में साफ-सफाई के साथ रखना चाहिए.